शिमला, 27 मई : हिमाचल में इस समय कोरोना की दूसरी लहर का कोहराम मचा है। कई लोग इस खतरनाक बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें ज्यादा तादाद बुजुर्गों की है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो दृढ़ता से मुकाबला कर कोरोना को मात दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजधानी के आईजीएमसी अस्पताल में सामने आया है, जहां किन्नौर जिला की 102 वर्षीय बुजुर्ग महिला धर्मदासी ने कोरोना को चारों खाने चित कर दिया।

अपनी हिम्मत व दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत धर्मदासी ने कोरोना को मात दे दी। इस बुजुर्ग महिला को स्वस्थ करने में आईजीएमसी प्रशासन के स्टाफ का योगदान भी काबिले तारीफ है। कोविड वार्ड में बुजुर्ग महिला की देखभाल के लिए अस्पताल में उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था। ऐसे में वृद्धा का पूर्ण उपचार व देखभाल आईजीएमसी के कोरोना वारियर्स ने किया।
दरअसल, किन्नौर के भावानगर की रहने वाली धर्मदासी 14 मई को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उसे सांस लेने में दिक्कत, बुखार व सिर दर्द होने की वजह से आईजीएमसी लाया गया था। तब से महिला यहां के कोविड वार्ड में भर्ती थी। बुजुर्ग महिला का 13 दिन उपचार चला। परिवार का एक भी सदस्य इस महिला की देखरेख में नहीं था।
आईजीमएसी प्रशासन के कोरोना वारियर्स ने वृद्धा की देखभाल की और उनकी बदौलत 102 वर्षीय वृद्धा कोरोनो से जंग जीतने में कामयाब रही। आईजीएमसी में यह पहला मामला है, जब इस आयु का कोरोना मरीज रिकवर हुआ हो।
आईजीएमसी के एमएस. डॉक्टर जनक राज ने बताया कि वृद्धा को आज पूर्ण स्वस्थ होने पर यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। उनके साथ परिवार का कोई सदस्य अस्पताल में नहीं था। वृद्धा की पूर्ण देखभाल अस्पताल कर्मियों ने की। उन्होंने कहा कि इस आयु के मरीज का कोविड के लिए इलाज करना अपने आप में एक चुनौती थी, लेकिन हम इस पर खरे उतरे और आईजीएमसी के लिए यह खुशी व गौरव की बात है।