सोलन,27 मई: धरती पर मानवीय जीवन को बचाना अपने आप में एक चुनौती है जिसके लिए पूरे विश्व के वैज्ञानिक जुटे है। कोरोना से जनजीवन को बचाने के लिए दवा से लेकर टीका तैयार कर कोरोना को हराने पर प्रयास किया जा रहा है। कुछ बिरले लोग ऐसे भी हैं जो बेजुबान गली मोहल्ले के कुत्तों का सहारा बने है। ऐसे लोग इन बेजुबानों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं। कोरोना काल में मानवीय संवेदना से भरी “प्रेरणा शर्मा” पिछले कई सालों से अपने साथियों के साथ निरीह जीवन को बचाने में जुटी है। कोरोना संकट में जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई लेकिन चेहरे पर शिकंज नहीं आया।

बेसहारा कुत्तों को खाना परोस कर प्राकृतिक आपदा के समय उनके जीवन का सहारा बनी हुई है। प्रेरणा शर्मा ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में कहा कि इन निरीह जीव का सहारा बनना उनके जीवन का लक्ष्य बन चुका है जब भी सड़क पर किसी बेसहरा बेजुबान जीवों को देखती है तो उनका मन पसीज जाता था । उनके कार्य में कुछ साथी सहयोग करते हैं। कुछ लोग दान देते हैं बस इसी तरह वह अपने काम को पूरा करने में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने में उन्हें ख़ुशी होती है। उन्होंने बताया कि इस काम में जहां जनसामान्य उनका सहयोग कर रहे हैं, वहीं उन्होंने चार- पांच लोगों के साथ मिलकर एक संस्था बनाई है जिसमें लोग दान देते हैं। उनकी अपने-अपने तरीके से सहायता भी करते हैं। प्रेरणा शर्मा के साथ इस पुनीत कार्य में जुटी युवती ने बताया कि जब भी उन्हें समय मिलता है बेजुबान जीवों की सेवा के लिए वे भी प्रेरणा के साथ काम करने जुट जाती है। उन्होंने कहा कि प्रेरणा को निस्वार्थ कार्य करते देख उन्हें भी ऐसे काम करने की प्रेरणा मिली इसी कारण से वह उनकी संस्था के साथ काम कर रही है।
युवती ने कहा कि कोरोना काल में हर व्यक्ति पर संकट है, ऐसे में बेजुबान निरीह लोगों की सेवा में उनकी संस्था पिछले कई सालों से काम कर रही है। उन्होने कहा कि संस्था केवल बेजुबान गली मुहल्ले के कुत्तों को खाना खिलाना ही नहीं बल्कि यदि कोई घायल जीव मिले उसका उपचार भी करवाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे घायल जानवरों के लिए उनके पास उचित जगह न होने के कारण वे अपने स्तर पर उपलब्ध जगह में रखने का प्रयास अवश्य करते हैं।