सुंदरनगर, 26 मई : घर के बरामदे में बैठकर दो मासूम बच्चों की कोमल आंखें बस शायद यही कह रही हो कि कहीं से उनको खोये मां-बाप की झलक मिल जाए। ऐसा दु:खद भरा मंजर, हिमाचल के जोगिन्दर नगर उपमंडल के अंतर्गत ग्राम पंचायत भडयाड़ा के गांव डकबगड़ा का है।

कोविड ने 15 व 9 वर्ष के बच्चों से माता-पिता को पलक झपकते ही छीन लिया। वो आज भी ये ही समझ रहे है कि जल्द ही माता-पिता अस्पताल से घर आ जायेंगे। एक सप्ताह पहले तक सब ठीक था, लेकिन कोरोना महामारी ने परिवार को एक झटके में बिखेर कर रख दिया। दूसरी तरफ बच्चो की बूढ़ी दादी को विश्वास नहीं हो रहा है कि चंद दिनों में ही परिवार बिखर गया है। वो जानती है कि बेटा व बहु कभी नहीं लौटेंगे। घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। यह दु:खद व बेहद मार्मिक नजारा देखकर हर कोई सिहर उठा है।
जोगिन्दर नगर के एसडीएम अमित मेहरा अनाथ हुए बच्चों से मिलने घर पहुंचे। वो भी घर का मंजर देखकर भावुक हो उठे। शायद, कई कर्मियों की आंखे नम थी।
एसडीएम ने कोविड-संक्रमण के चलते मां-बाप खोने वाले बच्चों को ढांढस बंधाया साथ ही हौसला भी दिया। पीड़ित परिवार के अन्य परिजनों से भी बातचीत की। इस दौरान उनके साथ पुलिस थाना प्रभारी संदीप शर्मा भी मौजूद रहे।
एसडीएम जोगिन्दरनगर अमित मेहरा ने कहा कि विशाल (15) तथा परी (9) ने कोविड की वजह से माता-पिता को खो दिया है। साथ ही कहा कि सरकार की अनाथ बच्चों के लिए शुरू की गई फोस्टर केयर योजना के तहत उन्हें लाभान्वित किया जाएगा ताकि उनकी परवरिश में परिवार को दिक्कत न हो। वही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जोगिन्द्रनगर राकेश धरावाल ने कहा कि दोनों बच्चों को कांग्रेस पार्टी की ओर से गांधी हेल्पलाइन के तहत हर महीने दो-दो हजार रुपये दिए जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोविड 19 संक्रमण के चलते 45 वर्षीय प्यार चंद तथा 36 वर्षीय सुनीता का पिछले दिनों दु:खद निधन हो गया था। दंपति अपने पीछे 16 वर्षीय बेटे विशाल तथा 9 वर्षीय बेटी परी को छोड़ गए हैं। सुनीता देवी ने होम आइसोलेशन में ही दम तोड़ दिया था, जबकि इनके पति प्यार चंद की नेरचौक मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। इस बेहद दु:खद घटना को लेकर पूरा गांव ही नहीं बल्कि पूरा हिमाचल गमगीन है।