शिमला , 24 मई : हिमाचल सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई आयोजित कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान की गई है। आबकारी नीति में 1829 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य है।

नई आबकारी नीति में होटलों के बार में शराब के कोटे में 50 प्रतिशत की कटौती की गई। साथ ही सीएसडी कैंटीन के लिए लाइसेंस फीस में कटौती की गई तथा सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को एल-9 व एल-9ए के रूप में कैंटीन के शराब लाइसेंस की सुविधा प्रदान की गई।कैबिनेट ने कोविड के कारण उत्पन्न वर्तमान स्थिति के दृष्टिगत आबकारी वर्ष 2020-21 को एक माह बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक करने का निर्णय लिया। नई आबकारी नीति प्रथम जुलाई, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक नौ महीनों के लिए लागू रहेगी।
प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी को रोकने, शराब की कीमतों में कटौती करने तथा सरकारी राजस्व में पर्याप्त वृद्धि करने के उद्देश्य से खुदरा आबकारी ठेकों को यूनिट/ठेके की कीमत के तीन प्रतिशत की नवीनीकरण फीस पर वर्ष 2021-22 के लिए ठेकों के नवीनीकरण की मंजूरी प्रदान की गई।
नई नीति के अनुसार आइएमएफएल के कम कीमत वाले ब्रांड सस्ते होंगे क्योंकि लाइसेंस फीस तथा एक्साइज डयूटी में कटौती तथा अंतर जिला व जिले के भीतर कोटे के ट्रांसफर की सुविधा को स्वीकृति प्रदान की गई है। नई आबकारी नीति शराब निर्माताओं तथा बाॅटलर्ज को देसी शराब के कोटे का 15 प्रतिशत रिटेल लाइसेंस धारक को आपूर्ति करने की सुविधा देगी। रिटेल लाइसेंस धारक शेष 85 प्रतिशत कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से ले सकेंगे। यह पहले 30 प्रतिशत था। इसमें लाइसेंस फीस में पांच प्रतिशत और कोटे में तीन प्रतिशत की वृद्धि की परिकल्पना की गई है।
टेंट आवास में शराब परोसने के लिए नये लाइसेंस को मंजूरी प्रदान की गई तथा वाइन उत्पादन इकाइयों तथा वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल में विजिटर सेंटर के लिए नए लाइसेंस को स्वीकृति प्रदान की गई। इसी प्रकार कुछ नियमों और शर्तों के साथ पैट्रोलियम कंपनियों को विशेष आपूर्ति के उद्देश्य के लिए इथेनाॅल के उत्पादन के लिए डी-2ई फार्म में नए लाइसेंस को स्वीकृति प्रदान की गई तथा डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब के कुछ उच्च स्तरीय ब्रांड की बिक्री के लिए एल-10बीबी फार्म में लाइसेंस को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट ने अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर शराब तस्करी, अवैध व्यापार और शराब की अवैध विक्री के कारण राजकोष को होने वाले आबकारी राजस्व घाटे को रोकने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग में आबकारी पुलिस की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की। सब – वेन्ड जोड़ने की लागत में काफी कमी की गई है और तय कोटा न उठाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने का युक्तिकरण किया गया है, जबकि थोक व्यापारियों को भंडारण तथा परिवहन के दौरान ब्रेकेज को 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.6 प्रतिशत किया गया है।
इस नीति के अंतर्गत सभी हितधारकों जैसे सरकार, उपभोक्ता, खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता, बोटलिंग प्लांट, डिस्टिलरीज और होटल व बार को शामिल किया गया है। विभाग द्वारा सभी वर्गों से फीडबैक लिया गया, जिस आधार पर निर्णय लिए गए।