नाहन, 24 मई : वैश्विक महामारी के दौरान हर कोई अस्पताल जाने से घबराता है, मगर गर्भवती महिलाओं के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं होता। धारटीधार के धगेड़ा के थाना कसोगा गांव की रहने वाली महिला मोनिका (32) को घर पर अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इसकी सूचना 108 को मुहैया करवाई गई।

108 में तैनात ईएमटी तुषार सिंह व पायलट प्रमोद कुमार ने बगैर देरी के महिला के घर का रुख कर लिया। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज से करीब 6 किलोमीटर दूर से सेरटा में महिला की प्रसव पीड़ा बेकाबू हो गई। तुरंत 108 कर्मियों ने मौके पर ही डिलीवरी करवाने का फैसला लिया। कुछ देर की अथक कोशिश के बाद महिला की गोद में नन्ही परी की किलकारी गूंज उठी। महिला सहित परिजनों के चेहरे पर लंबी मुस्कान तैर गई। परिवार की सहमति के बाद जच्चा व बच्चा को 108 के कर्मियों ने अनुमति लेने के बाद वापस घर छोड़ दिया।
परिवार ने यही तर्क दिया कि अस्पताल में संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है। लिहाजा बेहतर है कि 108 ही उन्हें वापस घर छोड़ दे। ईएमटी तुषार सिंह व पायलट प्रमोद कुमार ने बताया कि जच्चा व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने महिला के परिवार को उचित देखभाल का आग्रह किया है।
बता दें कि वैश्विक महामारी के दौरान 108 एंबुलेंस में इक्का-दुक्का ही प्रसव हुए हैं। मुख्यालय के समीप पिछले सवा साल में एम्बुलेंस में यह डिलीवरी का पहला ही मामला हो सकता है। सिरमौर के रिमोट इलाकों में 1-2 प्रसव होने की जानकारी अवश्य है। महामारी से पहले 108 में डिलीवरी सामान्य थी।