शिमला, 24 मई : आईजीएमसी में सोलन जिला से ताल्लुक रखने वाले 51 वर्षीय कोरोना मरीज की मौत पर हंगामा हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से हुई है। हालांकि, आईजीएमसी प्रशासन ने ऑक्सीजन सप्लाई न होने से मौत के आरोप को खारिज किया है।

मरीज की पत्नी ने कहा कि 5-6 दिन से उनके पति का उपचार आईजीएमसी में चल रहा था। ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से रविवार को उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी के मुताबिक उनके पति को 12 मई को सोलन से रिपन अस्पताल लाया गया था। जहां हालत गंभीर देखते हुए उन्हें आईजीएमसी रैफर किया गया था। महिला ने कहा कि उनके पति का ऑक्सीजन लेवल निचले स्तर तक पहुंच गया था, फिर भी उन्होंने रिकवर किया और ऑक्सीजन लेवल 95 तक पहुंच गया।
रविवार को जब अचानक उनके पति का ऑक्सीजन लेवल दोबारा से कम होने लगा तो उन्होंने वार्ड में तैनात नर्स और प्रशिक्षु चिकित्सकों से ऑक्सीजन मांगी तो इन्होंने साफ इंकार कर दिया। महिला ने गम्भीर आरोप जड़ा की ड्यूटी पर मौजूद प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत का भी हवाला दिया। महिला ने बताया कि वह ऑक्सीजन के लिए नर्सों और अन्य स्टाफ के आगे दौड़ती रही, इसी बीच उनके पति की मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां पर कोई सीनियर डॉक्टर नहीं आया तथा उनके पति की मौत के लिए प्रशासन जिम्मेदार है।
दूसरी तरफ आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने ऑक्सिजन की कमी के चलते मरीज की मौत से इनकार किया है।उनका कहना कि इस मरीज के फेफड़ों के 90 फीसदी सेल डैमेज हो चुके थे। इस वजह से मरीज ने दम तोड़ा है। उन्होंने कहा कि मरीज को एनबीए मास्क लगाया गया था।
इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर से अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई गई थी। कहा कि मौजूदा समय में आईजीएमसी में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है। वहीं आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और इस मामले की जांच की जा रही है।