शिमला, 23 मई: हिमाचल में भ्रष्टाचार पर विजिलेंस लगातार शिकंजा कस रही है। विजिलेंस ने पिछले 6 वर्षों में 237 एफआईआर दर्ज की हैं। इस अवधि में विजिलेंस ने 89 रिश्वतखोरों को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता हासिल की है। विजिलेंस ने इन 6 वर्षों में 294 मामलों की जांच पूरी की है। इसके अलावा विजिलेंस के समक्ष 1627 शिकायतें आई हैं। इनमें 1474 शिकायतों की जांच को पूरा कर लिया गया है। विजिलेंस में 6 सालों में दर्ज हुए केस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साल 2015-16 में 35, साल 2016-17 में 31, 2017-18 में 28, 2018-19 में 35, 2019-20 में 69 और 2020-21 में 39 मामले दर्ज किए गए।

इसके साथ ही विजिलेंस ने इन वित्तीय सालो के दौरान जिन केसों की जांच पुरी की उनमें 2015-16 में 44, 2016-17 में 57, 2017-18 में 49, 2018-19 में 38, 2019-20 में 45, और 2020-21 में 60 केसों की जांच पूरी कर दी। विजिलेंस ने इस दौरान कई सालो से लंबित पड़े मामलों की जांच भी पूरी की है। अब विजिलेंस के पास आने वाली शिकायतों की बात करें। तो साल 2015-16 में 227, 2016-17 में 258, 2017-18 में 226, 2018-19 में 420, 2019-20 में 223 यानी कुल 1627 शिकायते आई है। जिनमें महकमे ने साल दर साल शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 1474 शिकायतो की प्रारंभिक जांच पुरी कर फाईल ही बंद कर दी अब केवल 153 शिकायते ही जांच करने के लिए विभाग के पास लंबित पड़ी हुई है। विजिलेंस ने इन वित्तीय सालों में रिश्वतखोरी पर भी खुब शिकंजा कसा।
साल 2015-16 में 15, 2016-17 में 13, 2017-18 में 9, 2018-19 में 21, 2019-20 में 21 और 2020-21 में 10 कर्मचारियों और अफसरों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडऩे में सफलता भी हासिल की है। आईपीएस अधिकारी सतिंद्र पाल सिंह ने प्रदेश सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (विजिलेंस) में एडीजी विजिलेंस का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले एडीजी विजिलेंस रहे अनुराग गर्ग ने विजिलेंस के कार्यभार को नए एडीजी के सुपुर्द कर दिया है। अनुराग गर्ग ने बताया कि पिछले 6 सालो में विजीलैंस ने भ्रष्टाचारियो और रिश्वतखोरों पर कड़ी कार्रवाई की है।
वहीं कार्यभार संभालने के पश्चात नए एडीजी विजिलेंस आईपीएस अधिकारी सतिंद्र पाल सिंह ने बताया कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि विजिलेंस में लंबित चल रहे केसों की छानबीन को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि विजिलेंस में आने वाली शिकायतों पर भी प्राथमिकता के आधार से उन पर उनकी जांच पड़ताल समय रहते ही की जाएगी। विजिलेंस की कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त किया जाएगा। भ्रष्टाचारियों के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।