मंडी, 23 मई : कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के आईसीयू में उपचाराधीन मरीज ठीक होने के बाद भी यहां से जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इस कारण कॉलेज प्रबंधन के समक्ष एक नई परेशानी पैदा हो रही है और अन्य गंभीर मरीजों को उपचार देने में मुश्किल हो रही है।

मेडिकल कॉलेज नेरचौक के एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि आईसीयू में जो मरीज उपचाराधीन हैं वो ठीक होने के बाद भी आईसीयू बेड नहीं छोड़ रहे हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण उनके मन में बना हुआ डर है। डर के कारण ही संक्रमित लोग आईसीयू बेड को नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईसीयू बेड की संख्या सीमित होती है और जब किसी कोरोना संक्रमित की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है तभी उसे आईसीयू में शिफ्ट किया जाता है। लेकिन जब वह मरीज ठीक हो जाता है तो उसे छुट्टी देकर घर भेज दिया जाता है और होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है।
जबकि यहां आईसीयू में भर्ती मरीज छुट्टी देने के बाद भी घर जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इससे अन्य गंभीर मरीजों को उपचार देने में परेशानी पेश आ रही है। उन्होंने ऐसे मरीजों और उनके तीमारदारों से अनुरोध किया है कि छुट्टी मिलने के बाद वे अपने घर पर रहें और नियमों का पालन करें। ताकि अन्य गंभीर मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सके।
वहीं दूसरी तरह जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तरफ से डिस्चार्ज हो चुके मरीजों को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस सुविधा भी काफी देरी से उपलब्ध करवाई जा रही है। इस कारण भी मरीज काफी लंबे समय तक यहीं पर रुकने को मजबूर हो रहा है। एम्बुलेंस की कमी के चलते ऐसा हो रहा है।