शिमला, 22 मई : कोरोना काल में ई-संजीवनी ओपीडी और पोर्टल प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित हुए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए इन दो पोर्टल के माध्यम से लोगों को टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अब तक 84 हज़ार के करीब लोग इन पोर्टलों की सुविधा का लाभ उठा चुके हैं।

ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 82283 और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 1648 परामर्श सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से हेल्थ एवं वैलनेस केंद्रों व उप- स्वास्थ्य केन्द्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारी, आईजीएमसी शिमला, आरपीजीएमसी टांडा और एसएलबीएसजीएमसी नेरचौक में स्थापित तीन टेली हब के विशेषज्ञों से टेली परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे पोर्टल ई-संजीवनी ओपीडी पर राज्य का कोई भी व्यक्ति चिकित्सा महाविद्यालय के टेली हब में तैनात किसी भी चिकित्सक से टेली परामर्श प्राप्त कर सकता है।
उन्होंनेे कहा कि अब तक ई-संजीवनी ओपीडी प्रातः 9.30 से सायं 4.00 बजे तक कार्यशील होती थी, लेकिन अब राज्य में कोरोना कर्फ्यू के दृष्टिगत राज्य सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी को सभी कार्य दिवस में प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजेे तक कार्यशील कर इसकी समयावधि बढ़ा दी है।
कहा कि रविवार और अन्य छुट्टी के दिनों में भी ई-संजीवनी ओपीडी प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक कार्यशील रहेगी। ई-संजीवनी ओपीडी में तैनात चिकित्सकों को कोविड मरीजों को परामर्श देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।