शिमला, 21 मई: बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने नाइलेट के नाम पर चल रहे नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
चार्जशीट में नौ फर्जी शिक्षण संस्थान चलाने वाले निवेशकों, पार्टनर, पांच बैंकों के प्रबंधक और शिक्षण संस्थानों के चार अधिकारियों को नामजद किया है। सीबीआई ने यह चार्जशीट नाइलेट के नाम पर नाहन, ऊना, कांगड़ा और चंबा में चल रहे फर्जी संस्थानों के विरुद्ध दाखिल की है।
दरअसल इन फर्जी शिक्षण संस्थान चलाने वाले तीनों पार्टनर ने छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी तरीके से ऐसा ताना बाना बुना कि चार से पांच वर्ष में करीब 30 करोड़ की छात्रवृत्ति हड़प ली। सीबीआई जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति हड़पने के लिए हिमाचल सहित पंजाब स्थित 6 बैंकों में खाते खोले गए। इसके बाद संबधित खातों में पड़ी करीब 30 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि को दो बैंकों में शिफ्ट किया गया।
जांच में सामने आया है कि फर्जी शिक्षण संस्थान, जिनका पात्रता के मसले में रिकार्ड तक नहीं, वे डिग्रियां बांट रहे थे। इस मामले में कर्नाटक से जुड़ी एक डीम्ड यूनिवर्सिटी भी जांच के दायरे में आ गई है। 9 में से भी एक भी शिक्षण संस्थान छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं था। सीबीआई के अनुसार वर्ष 2013 से 17 के बीच में इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
नाइलट के नाम से चल रहे संस्थान को कंपनी और सोसायटी चला रही थी। इन दोनो कंपनी व संस्थान के तीन पार्टनर (निदेशक) थे, जिनमें शिक्षा निदेशालय में तैनात तत्कालीन अधीक्षक अरविंद राजटा की पत्नी, महौली निवासी कृष्ण कुमार व राजदीप सिंह शामिल है। इनकी 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी बताई जा रही है। इस पूरे मामले में अरविंद राजटा को रोल सबसे अहम रहा है। इस मामले में सीबीआई रडार में आए 5 बैंक की संलिप्तता भी सामने आई।
गौर हो कि सीबीआई करोड़ों के इस छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में अब तक दो चार्जशीट दायर कर चुकी है और अब इन नौ स्थानों के खिलाफ एक ही चार्जशीट तैयार कर दायर की गई है। सीबीआई अब तक करोड़ों रूपए के इस छात्रवृति स्कैम में तीन चार्जशीट दायर कर चुकी है।