मंडी, 19 मई : कोविड हॉस्पिटल के रूप में कार्य कर रहे श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के कोविड वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों की एंट्री पर कॉलेज प्रबंधन ने लगाम कस दी है। एक बार जो तीमारदार कोविड वार्ड में चला गया तो फिर उसे बाहर आने की अनुमति नहीं होगी और उसे अंदर पीपीई किट पहनकर ही रहना होगा।

इस बात की पुष्टि कॉलेज के एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने की है। उन्होंने बताया कि कोविड वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। यहां कुछ मरीजों गंभीर मरीजों के तीमारदारों को अंदर आने की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीमारदार कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे। वार्ड में अलग-अलग प्रकार के वायरस से संक्रमित होने का खतरा है।
तीमारदार अपनी मर्जी से कभी भी अंदर-बाहर आ जा रहे हैं और इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है। अब यदि कोई तीमारदार अंदर आ गया तो फिर उसे पीपीई किट पहनकर ही रहना होगा और वह बाहर नहीं जा सकेगा। बाहर जाने के बाद भी दस दिनों तक आईसोलेशन में रहने के बाद अपना टेस्ट करवाना होगा ताकि संक्रमण की रोकथाम की जा सके।
डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कुछ तीमारदार डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं। एक महिला के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दे दी गई है। जब किसी गंभीर मरीज की मृत्यु होती है तो उसका वीडियो बनाकर वायरल किया जा रहा है। जबकि मृत्यु के समय किसी का भी बेचैन होना स्वाभाविक है।
तीमारदारों की ऐसी हरकतों से अस्पताल प्रबंधन का नाम बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जबकि अंदर सभी मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा दी जा रही है। तीमारदारों की इन हरकतों के कारण स्वास्थ्य कर्मियों को सेवाएं देने में मुश्किल पैदा हो रही है।