सोलन,18 मई : उपायुक्त के.सी चमन ने गत सांय कर्फ्यू में ढील के समय माॅल रोड पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया था। इसमें केवल एंबुलेंस, अग्निशमन एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने वाले वाहनों को छूट दी गई थी। लेकिन मंगलवार को नाहन के विधायक राजीव बिंदल की गाडी माॅल रोड पर पहुंच गई।

लाजमी तौर पर इस पर सवाल तो उठने ही है। संवेदनशील समय नेताओं को जहां सकारात्मक संदेश देने का प्रयास करना चाहिए वही विधायक के इस तरीके ने कांग्रेस को भी मुद्दा दे दिया है। विधायक माॅल रोड पर कुछ देर रुकने के बाद गाड़ी में ही प्रतिबंध क्षेत्र में बस अड्डे की तरफ रवाना हो गए। बता दे कि मॉल रोड पर आवाजाही बंद होने से दूध देने आये लोगों को खासी परेशानियों से दो चार होना पडा। हर किसी के जुबान पर एक ही बात थी विधायक साहब की चलती है तो इसमें उनकी क्या गलती है।
कांग्रेस प्रवक्ता अमन सेठी का कहना है कि यह बात जगजाहिर है कि जो भी नियम कानून बनाये जाते है वो सिर्फ जनता के लिए बनते है। अगर ऐसा नहीं है तो विधायक के वाहन का चालान होना चाहिए। प्रतिबंधित क्षेत्र में विधयक की गाड़ी के प्रवेश से सोलन पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खडे होते है।
बता दे कि एक मर्तबा हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सायं साढे पांच बजे माॅल रोड बंद होने पर पैदल ही गुजरे थे। विधायक को भी इससे सबक लेना चाहिए था। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही नियमों का उल्लंघन करेंगे तो इसका असर आम लोगो पर क्या पड़ेगा।
पुलिस को भी देखना चाहिए कि क्या वह आम जनता पर ही अपनी हेकड़ी दिखा सकती है या फिर नियम तोड़ने वालो पर एक समान एक्शन ले सकती है। फ़िलहाल इस मामले में विधायक डॉ बिंदल का पक्ष उपलबध नहीं है।