घुमारवीं, 17 मई : वैश्विक महामारी में लगातार विचलित करने वाले समाचार आ रहे हैं। इसी बीच एक 14 साल की बेटी की ऐसे हौंसले की मिसाल सामने आई है, जिसे देखकर आप यह कहने पर विवश हो जाएंगे कि पापा की ऐसी हो बेटी तो क्यों न हारे कोरोना। भराड़ी उप तहसील के ढलियानी गांव में 29 अप्रैल को नवीन व वनीता कुमारी दंपत्ति की कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई।
माता-पिता को इस बात की चिंता थी कि 14 व 8 साल की बेटी की जिम्मेदारी के साथ-साथ घरेलू कार्य कैसे होंगे। कोविड संकट में अपने भी मुंह फेर रहे हैं। यकीन मानिए, 14 साल की प्रेरणा ने मोर्चा संभाल लिया। होम आइसोलेशन में न केवल संक्रमित माता-पिता को भोजन परोसा, बल्कि 8 साल की अपनी छोटी दुलारी बहन को भी कतई भी कोई परेशानी नहीं होने दी। समूचे इलाके में बेटी के हौंसले की चर्चा हो रही है।
माता-पिता को खाना परोसने के बाद बर्तनों को साफ करने से लेकर घर को सेनेटाइज करने की जिम्मेदारी भी प्रेरणा बखूबी निभाती रही। अब चूंकि माता-पिता कोविड को मात दे चुके हैं, लिहाजा प्रेरणा के चेहरे पर एक सुकून भी देखा जा सकता है। 14 साल की प्रेरणा के हौंसले ने साबित कर दिया है कि बेटियां अनमोल होती हैं। छोटी सी बच्ची ने समूचे हिमाचल में हमउम्र बच्चों को तो प्रेरणा दी ही है, साथ ही उन लोगों के लिए भी मिसाल बनी है, जो कोविड से अपनों का ही साथ छोड़ देते हैं।
बेशक ही हिमाचल में कोविड संकट को लेकर कई प्रेरणादायक समाचार पहले भी आ चुके हैं, लेकिन एक नन्हीं बच्ची के इस तरह के हौंसले की मिसाल वैश्विक महामारी में शायद पहली बार आई है। इसने साबित कर दिया है कि बड़े से बड़े संकट को भी टाला जा सकता है, बशर्ते हौंसले में दम हो।
कुल मिलाकर नन्हीं बच्ची ने उस कहावत को भी चरितार्थ कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि उड़ान पंखों से नहीं होती, हौंसलों से होती है।