हमीरपुर, 17 मई : कोरोना से संक्रमित स्थानीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) में एक फैकल्टी मेंबर की मौत हो गई है। इस मौत से एनआईटी परिसर सदमे में है। पिछले काफी दिनों से इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में एसोसिएट डीन के पद पर तैनात नरोत्तम चंद्र कौशल कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। उन्होंने जालंधर के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद वे कई दिनों से होम आइसोलेशन में भी रहे, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर मुख्यालय पर स्थित कोविड अस्पताल में भी दाखिल रहे।

तकरीबन एक सप्ताह पहले उन्हें जालंधर के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे। लेकिन हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। यहां हथली खड्डू के श्मशान घाट में कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार कर दिया। वे अपने पीछे पत्नी एनआईटी में ही बी-टेक कर रही बेटी और आठवीं में पढ़ रहे बेटे को छोड़ गए हैं।
50 वर्षीय नरोत्तम के अंतिम संस्कार मौके पर एनआईटी के डायरेक्टर ललित अवस्थी भी मौजूद थे। उनका कहना था कि नरोत्तम के जाने से संस्थान को बहुत क्षति हुई है। क्योंकि वे बेहद मेहनती और अपने विभाग में कहीं बेहतर दिखते थे।
बारी-बारी से बुला रहे स्टाफ एनआईटी परिसर में संक्रमण से अभी भी तकरीबन दो दर्जन लोग जूझ रहे हैं। होम आइसोलेशन में हैं। इनमें पिछले दो-तीन दिनों से कुछ लोग स्वस्थ होकर बाहर भी निकल गए हैं, लेकिन अभी भी कई संक्रमित हैं, मगर नरोत्तम की मौत से एनआईटी परिसर सदमे की स्थिति में है जो संक्रमित है उन में दहशत भी है जो ड्यूटी पर ऑफिस आ रहे हैं वे भी परेशान हैं।
उधर संस्थान के रजिस्ट्रार योगेश गुप्ता का कहना है कि सिस्टम के हिसाब से टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्टाफ को बारी-बारी से बुलाया जा रहा है ताकि ऑफिस का काम ही निपटाया जा सके। उनका कहना है कि अब बाहर से आए हुए स्टूडेंट्स जो पॉजिटिव पाए गए थे। वे स्वस्थ होकर हॉस्टल में हैं। जबकि फैकल्टी के सदस्य भी अब संक्रमण से बाहर निकल रहे हैं। कुछ आउटसोर्स कर्मचारी पॉजिटिव हैं, लेकिन स्थिति काबू में है।