नाहन, 17 मई : ऐतिहासिक शहर की अनमोल शख्सियत श्रीपाल जैन (75) ने सोमवार शाम संसार को त्याग दिया है। पंचकूला के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। 10 मई को कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इसके बाद क्रिटिकल स्थिति में उन्हें पंचकूला के निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।
कपड़े के व्यापार के साथ-साथ शहर के विस्तारीकरण में दिवंगत श्रीपाल जैन की अहम भूमिका रही। हालांकि खुद कभी कंस्ट्रक्शन के कार्य से नहीं जुड़े, लेकिन शहर के आसपास की जमीनों को विस्तार देने में अहम योगदान दिया, ताकि लोगों को रियायती दरों पर अपने आशियानों का निर्माण करने में सहूलियत मिल सके। हंसमुख व सौम्य स्वभाव के श्रीपाल जैन अपने दरवाजे पर आए किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं करते थे।
बड़ा चौक बाजार में अपनी पुश्तैनी दुकान पर बैठकर आम लोगों से जमकर बतियाते थे। आर्थिक रूप से समर्थ होने के बावजूद कभी भी अपने साधारण स्वभाव को नहीं छोड़ा। पारिवारिक जानकारी के मुताबिक दिवंगत श्रीपाल जैन को 7-8 मई को हल्की खांसी की शिकायत थी। इसके बाद ही उनकी कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। ऐसी भी जानकारी मिली है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। समूचे शहर में उनके निधन की खबर आग की तरह फैल गई। अचानक ही दुखद खबर से शोक की लहर है।
उल्लेखनीय है कि अपने भाईयों दिनेश व अरुण जैन को भी उन्हीं से शांत व सौम्य स्वभाव की विरासत मिली थी। उधर, उनके भतीजे सचिन जैन ने रुंधे गले से बताया कि ताया जी इस दुनिया में नहीं रहे। उन्हें शाम साढ़े 4 बजे के आसपास तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी। वो तत्काल ही पंचकूला पहुंच गए। उन्होंने बताया कि पार्थिव देह को आज नाहन में ही शवगृह में रखा जाएगा। मंगलवार को कोविड प्रोटोकाॅल के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा।