मंडी, 16 मई : भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना संक्रमितों के लिए जारी की गई ’’आयुष 64’’ दवा रामबाण साबित हो रही है। 7 मई को केंद्रीय आयुष मंत्री किरेण रिजिजू ने इस दवा के राष्ट्रव्यापी वितरण का कार्यक्रम शुरू किया था और अब यह दवा हिमाचल प्रदेश में भी वितरित होना शुरू हो गई है। हालांकि पहले भी इस दवा का वितरण किया जा रहा था लेकिन अब इसे बड़े पैमाने पर वितरित किया जा रहा है।

मंडी जिला के पंडोह स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान की रिसर्च ऑफिसर एवं आयुष 64 के दवा वितरण की प्रदेश नोडल ऑफिसर विनीता नेगी ने बताया कि 90 के दशक में इस दवा का निर्माण मलेरिया रोग के उपचार के लिए किया गया था। लेकिन हाल ही में जब कोरोना का कहर बरपा तो इसे संक्रमित मरीजों को दिया गया, जिसके काफी ज्यादा सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे ए-सिम्टोमेटिक, माईल्ड और मोड्रेट मरीजों के लिए यह दवा किसी वरदान से कम नहीं है।
दवा के सेवन के बाद ऐसे मरीजों की रिपोर्ट मात्र 7 दिनों में पॉजिटिव से नेगेटिव आ रही है। यही नहीं इस दवा का सेवन करने वालों को न तो हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है और न ही अन्य प्रकार के उपचार की। यही कारण है कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने देश भर में इसका निशुल्क वितरण शुरू कर दिया है।
सेवा भारती संगठन के साथ मिलकर आयुष विभाग इस दवा का वितरण करने में जुटा हुआ है। दवा की खासियत यह भी है कि आप अन्य एलोपैथी दवाओं के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। जो भी संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में है वो अपनी आरटी पीसीआर की रिपोर्ट और आधार कार्ड किसी भी परिजन के पास भिजवा कर दवा को निशुल्क मंगवा सकता है। विनीता नेगी ने होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों से इस दवा का सेवन करने की सलाह दी है।
दवा के परिणामों को देखते हुए लोग अब इसकी तरफ काफी ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। पंडोह स्थित आयुर्वेद संस्थान में अपनी बेटी के लिए दवा लेने आए सन्नी सिंह ने बताया कि उनकी बेटी को इस दवा से काफी ज्यादा लाभ मिल रहा है। उन्होंने अन्य लोगों से भी इसका लाभ उठाने की अपील की है।