धर्मशाला, 15 मई : निर्वासित तिब्बती प्रवासी लोगों ने भारत सरकार के आपातकालीन कोष पीएम केयर फंड में 5 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। तिब्बतियों द्वारा दुनिया भर से किए गए इस योगदान को भारत में स्थित संबंधित निपटान कार्यालयों (सेटलमेंट ऑफिस) और 13 देशों में स्थित तिब्बत के कार्यालयों के माध्यम से केवल दो सप्ताह में एकत्र किया गया है।

प्रवासी समुदाय के उदार योगदान की सराहना करते हुए, सीटीए के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने कहा कि यह राशि उत्तरी अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, ताइवान, भारत, नेपाल और भूटान से जुटाई गई है।
उन्होंने कहा कि यह योगदान तिब्बती लोगों की सरकार एवं भारत के लोगों के प्रति गहरी कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने छह दशकों से अधिक समय से तिब्बती शरणार्थियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान किया है और सबसे महत्वपूर्ण रूप से तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और निर्वासित तिब्बती प्रशासन की मेजबानी की है।
दुनिया भर में 12 मई को तिब्बती समुदाय के लिए अपने आभासी (वर्चुअल) संबोधन में सांगे ने महामारी की लड़ाई में सबसे आगे हेल्थकेयर वर्कर्स और सीटीए कर्मचारियों के नेतृत्व में कड़ी मेहनत के लिए सराहना की।
आवश्यक श्रमिकों, विशेष रूप से स्वास्थ्य वर्कर्स और शिक्षकों के लिए अपने सर्वोच्च संबंध को साझा करते हुए, उन्होंने अभूतपूर्व चुनौतियों के बीच उनकी अथक सेवा की सराहना की और उनसे अपने प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया।
उनके प्रयासों का समर्थन करते हुए, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के बजट से स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 5,000 रुपये के मानदेय की घोषणा की।उन्होंने यह भी घोषणा की कि पांच साल के वेतन वृद्धि के अनुरूप सीटीए कर्मचारियों के औसत वेतन में 15.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।