नाहन, 14 मई : शुक्रवार को डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज से एक अच्छी खबर आई। कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बताया कि 350 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट का विधिवत शुभारंभ हो गया है। वीरवार को इस प्लांट की टेस्टिंग हुई थी। प्लांट के शुरू होने से रोगियों खासकर कोविड मरीजों को लाभ मिलेगा। इसी बीच मेडिकल काॅलेज से एक सकते में डालने वाली खबर भी आ गई।

सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर शाम 6 बजे इस बात का खुलासा किया गया कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन से लैस 46 बैड में से कोई भी खाली नहीं है। इसके अलावा आईसीयू के 20 बैड पैक होने की जानकारी भी इसमें दी गई है। स्टैंडर्ड बैडस की संख्या 207 बताई गई। इन्हें भी पैक दर्शाया जा रहा है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया। इस बारे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। कोई ये नहीं बता सका कि 207 बैड किस कैटेगरी के हैं। अगर सरकार की इस वेबसाइट पर भरोसा किया जाए तो मेडिकल कॉलेज में तमाम बैड ऑक्यूपाइड हैं। एक संशय ये भी उठ रहा है कि क्या वेबसाइट को अपडेट करने में भी कोताही बरती जा रही है। एक तर्क ये भी है कि मेडिकल काॅलेज में 20 आईसीयू बैड हैं ही नहीं। खैर, इस तर्क की तस्दीक तो निष्पक्ष जांच के बाद ही हो सकती है।
गौरतलब है कि मेडिकल काॅलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर प्रार्थी आशुतोष गुप्ता द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। हालांकि इसकी अगली सुनवाई 17 मई को होनी है, लेकिन 5 से 13 मई के बीच दो बदलाव हुए। पहले बदलाव में मेडिकल काॅलेज को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया गया। दूसरा ये था कि आनन-फानन में सरकार ने प्रदेश के तमाम अस्पतालों में बैड से जुड़ी जानकारी को पब्लिक डोमेन के माध्यम से सार्वजनिक कर दिया।
उल्लेखनीय है कि इस वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक नाहन के निजी अस्पताल में भी ऑक्सीजन युक्त बैड खाली नहीं हैं। साथ ही आईसीयू बैड भी उपलब्ध नहीं है। वेंटिलेटर न चलने को लेकर भी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत पेंडिंग होने की जानकारी है। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता द्वारा वेंटिलेटर को लेकर संतोष जाहिर नहीं किया जा रहा। सवाल ये उठता है कि जब मेडिकल काॅलेज की ओपीडी भी बंद है तो ऐसे में 66 बैड की ही संख्या क्यों नहीं बढ़ रही।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. केके पराशर ने कहा कि उनके पास केवल 66 बैड उपलब्ध होने की जानकारी है। इसमें आईसीयू के कितने बैड हैं, इसकी जानकारी नहीं है।
उधर, अस्पताल प्रशासन के इंचार्ज डाॅ. एसएस बावा का कहना था कि अगर वेबसाइट पर 66 बैडों की ऑक्यूपेंसी दिखाई जा रही है तो ये सही होगा। उनका कहना था कि डाटा अपलोड करने की जिम्मेदारी क्लीनिकल कमेटी की होती है। कमेटी ही इस बारे अधिक जानकारी दे सकती है। दीगर है कि वैबसाइट पर पिछले तीन दिन से यही दर्शाया जा रहा है कि 20 आईसीयू बैड में से कोई खाली नहीं है।