सुंदरनगर, 13 मई : हिमाचल प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स के तौर पर अपनी डयूटी निभा रहे मेडिकल स्टाफ के क्वॉरेंटाइन पीरियड को समाप्त करने की नोटिफिकेशन का कड़ा विरोध जताया जा रहा है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने कोरोना डयूटी दे रहे मेडिकल स्टाफ के क्वॉरेंटाइन पीरियड को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और अधिसूचना का विरोध जताया है।
संघ ने कहा कि हिमाचल सरकार को अपने प्रदेश के हिसाब से सबको विश्वास में लेकर कोरोना वारियर्स के बारे में कोई नीति बनानी चाहिए। अगर इस अधिसूचना को 3 दिन के भीतर वापस नहीं लिया जाता है तो प्रदेश भर के चिकित्सक काले बिल्ले लगाकर इसका विरोध करेंगे। संघ ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से विशेष आग्रह किया है कि इस मामले में हस्तक्षेप और पुनर्विचार करके अधिसूचना को जल्द से जल्द रद्द करवाया जाए।
बता दें कि इस नोटिफिकेशन से पहले कोरोना वॉरियर्स को 10 दिन लगातार कोविड वार्ड में ड्यूटी देने के बाद 7 दिन के आइसोलेशन पीरियड में भेजा जाता था। चिकित्सक, स्टाफ नर्सेज और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ 10 दिन एक बहुत ही बड़े वायरल लोड के वातावरण के अंदर काम करते हैं। इसलिए संघ ने कोरोना डयूटी देने के बाद उनका आइसोलेशन पीरियड वैसे ही जारी रखने की मांग की है। जारी नोटिफिकेशन के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने एम्स दिल्ली की व्यवस्था के आधार पर यह फैसला लिया है।
संघ के प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार को इस महामारी के दौर में इस तरह के फरमानों का अनुसरण करने से बचना चाहिए। यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है और कोरोना वॉरियर्स के लिए दुखदायी है। ऐसे फरमान दूसरे प्रदेशों या दूसरे बड़े शहरों में जारी हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि इनको दोनों वैक्सीन की डोज लग चुकी है। इसलिए स्वास्थ्य कर्मी तब तक काम करते रहें, जब तक आप का शरीर कोरोना संक्रमित नहीं हो जाता, जोकि एक बहुत ही असंवेदनशील तर्क है।