नाहन, 13 मई : हिमाचल के नामी शिक्षाविद व समाजसेवी सुरेश रतन के निधन का दुखद समाचार मिला है। वो वरिष्ठ साईं भक्त, एक अनुभवी रोटेरियन, उत्कृष्ट शिक्षक व कुशल प्रशासक रहे। हालांकि उनका स्वभाव शांत था, लेकिन दृढ़ विश्वास व प्रतिबद्धता में काफी मजबूत थे। हिमाचल के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवाएं दी।

शिक्षा के प्रति उनके जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पारंगत स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के संस्थापक थे। इसके अलावा पटियाला के एक नामी काॅलेज में भी प्रशासक के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाई। करीब 10 दिन पहले तक वो बिलकुल ठीक थे। अचानक ही कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आने से धीरे-धीरे ऑक्सीजन का लैवल गिरने लगा। करीब 81 वर्षीय दिवंगत सुरेश रतन ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किए थे।
श्री सत्य साईं के परमभक्त दिवंगत सुरेश रतन अपने घर पर हर सप्ताह साईं कीर्तन का आयोजन भी किया करते थे। वो एक कुशल प्रशासक भी थे। शिक्षाविद व समाजसेवी अमर सिंह चैहान ने कहा कि हम उनके महान गुणों व अच्छाई को हमेशा याद करेंगे। दिवंगत आत्मा की शाश्वत शांति की प्रार्थना व शोक संतप्त परिवार के लिए संवेदनाएं प्रकट करते हैं।
उधर, रोटरी क्लब में लंबे अरसे से जुड़े डाॅ. एसके सबलोक ने कहा कि उनके चले जाने से व्यक्तिगत क्षति हुई है। डाॅ. सबलोक ने कहा कि वो गुरुजी के नाम से भी अपनी पहचान रखते थे। जीवन में हजारों छात्रों को शिक्षा प्रदान की।
बता दें कि दिवंगत रतन अपने पीछे पत्नी के अलावा बेटा-बहू व दो पोते छोड़ गए हैं। बेटे विकास रतन व पुत्रवधू भावना ने अंतिम समय में उनकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं रखी। दोपहर बाद कोविड प्रोटोकाॅल के तहत दिवंगत सुरेश रतन का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।