ऊना, 12 मई : शहर के संजीव शर्मा का शव करीब साढ़े 4 माह बाद सऊदी अरब से भारत पहुंचा। पैतृक गांव में तीनों बेटियों ने रस्मो रिवाज के साथ पिता की अंत्येष्टि की। ऊना निवासी संजीव शर्मा की 24 जनवरी को सऊदी अरब में ही मौत हो गई थी। लेकिन संजीव कुमार शर्मा के शव को सऊदी अरब में ही मुस्लिम बताकर सुपुर्द-ए खाक कर दिया गया था।

मामले का पता चलते ही परिजनों ने शव को वापस लाने की मांग को तेज करते हुए सरकार के साथ-साथ कोर्ट में भी दस्तक दी। बेटियों का ही साहस था कि शव को कब्र से निकाल कर पैतृक गांव में लाया में गया।
बेटी 12 मई 2021 को शव दिल्ली से एंबुलेंस में लेकर ऊना पहुंची। इसके बाद रस्मो रिवाज के साथ संजीव के शव का दाह संस्कार किया गया। संजीव शर्मा की तीनों बेटियों ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। साढ़े 3 माह के बाद शव को भारत लाए जाने का यह एक अलग मामला है।
दिवंगत संजीव कुमार शर्मा पिछले 23 वर्षों से सऊदी अरब में नौकरी कर रहे थे। करीब 3 साल पूर्व ही वह परिवार के साथ छुट्टी बिताकर सकुशल सऊदी अरब लौटे थे। इसी बीच दिसंबर 2020 में सऊदी अरब में उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिंदगी और मौत के बीच झूलते संजीव ने 24 जनवरी 2021 को सऊदी अरब में ही दम तोड़ दिया।
संजीव की मौत की खबर मिलने के बाद गमगीन परिवार ने शव को भारत लाए जाने की मांग को लेकर कई दरवाजों पर दस्तक दी। लेकिन इसी बीच 18 फरवरी 2021 को सऊदी अरब में संजीव के शव पर मुस्लिम का टैग लगा कर शव को सुपुर्द-ए खाक कर दिया गया। मामले की सूचना परिवार को मिलते ही परिजन क्षुब्ध हो गए। उन्होंने शव को भारत लाए जाने की मांग को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के समक्ष बात उठाई। समय बीतने के साथ जब शव को भारत लाए जाने की संभावना क्षीर्ण हो गई तो दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया।
आखिर में स्थानीय प्रशासन के प्रयासों और कोर्ट के हस्तक्षेप के बीच 12 मई को शव भारत लाया गया। संजीव शर्मा की बेटी नैंसी शर्मा ने पिता के शव को भारत लाने में उनकी मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। नैंसी शर्मा ने प्रशासन, प्रदेश और केंद्र की सरकार के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट और स्थानीय मीडिया कर्मचारियों का भी इस मुहिम को शुरू करने के लिए शुक्रिया अदा किया।