शिमला, 13 मई : प्रदेश में बेमौसम बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि से बागवानों और किसानों को खासा नुकसान हुआ है। किसान संघर्ष समिति ने किसानों-बागवानों को उचित मुआवजा देने तथा इनके ऋण की वसूली पर तुरंत रोक लगाने की प्रदेश सरकार से मांग उठाई है। साथ ही सरकार से प्रदेश भर में कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से फफूंदीनाशक, कीटनाशक, माइक्रोन्यूट्रिएंट, खाद, बीज आदि लागत वस्तुएं सब्सिडी पर तुरन्त उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है, ताकि बागवान समय पर स्प्रे व अन्य कार्य कर इस नुकसान को बढ़ने से रोक सके।
किसान संघर्ष समिति के महासचिव संजय चौहान ने बुधवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के शिमला, कुल्लू, किन्नौर, मण्डी, लाहौल स्पीति, सोलन, सिरमौर, चम्बा, कांगड़ा में बर्फबारी तथा भारी ओलावृष्टि व वर्षा से फलों व अन्य फसलों को भारी क्षति हुई है। जिससे इन जिलों के किसानों व बागवानों की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई है। शिमला, किन्नौर, कुल्लू, मण्डी जिलों में तो इस प्राकृतिक आपदा के कारण सेब व अन्य फलों जिसमे चेरी, पल्म, खुमानी, बादाम आदि मुख्य है की फ़सल को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश मे अकेले सेब की करीब 70 प्रतिशत फ़सल बर्फ़बारी व भारी ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई जोकि एक फौरी अनुमान के अनुसार करीब 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान बागवानों को हुआ है। असामयिक बर्फबारी व भारी ओलावृष्टि से सेब के पेड़ टूटने से भी बागवानों को भारी क्षति पहुंची है। संजय चौहान ने कहा कि सरकार अभी तक इस क्षति के आंकलन का कार्य तक नहीं कर पाई है और बागवानों को मुआवजा देने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि समिति सरकार से मांग करती है कि किसानों व बागवानों को इस संकट से बाहर निकालने के लिए अपने दायित्व का निर्वहन कर तुरन्त इस नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रदान करे तथा किसानों व बागवानों से ऋण वसूली पर रोक लगाए।
इसके अलावा किसानों व बागवानों को कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से सब्सिडी पर कीटनाशक, फफूंदीनाशक, माइक्रोन्यूट्रिएंट, पौधे, खाद, बीज व अन्य लागत वस्तुएं मांग के अनुरूप उचित मात्रा में उपलब्ध करवा कर इस संकट काल मे राहत प्रदान की जाए।