शिमला, 12 मई : समूचे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है। रोजाना ही सोशल मीडिया में लोग अस्पताल में बैड की उपलब्धता को लेकर पूछताछ करते नजर आते हैं। खैर, अब ऐसा कम से कम हिमाचल में नहीं होगा।

दरअसल हिमाचल हाईकोर्ट की दखल पर राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है। इसमें हर एक जिला में ऑक्सीजन युक्त बैड की जानकारी उपलब्ध होगी। साथ आईसीयू वाले बैड की रियल टाइम उपलब्धता की जानकारी मिल सकेगी। हिमाचल के हाई कोर्ट में 5 मई 2021 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी।
हालांकि यह जनहित याचिका नाहन मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं से जुड़ी हुई थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसका दायरा हिमाचल कर दिया। 5 मई 2021 को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक वेब पोर्टल बनाने के निर्देश दिए थे। इसके मुताबिक यूजर को किसी भी तरह के पासवर्ड के इस्तेमाल से मना किया गया था। ताकि पारदर्शिता से लोगों को यह पता चल सके कि राज्य में कितने बैड हैं और कहां-कहां खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग ने “कोविड कैपेसिटी” के नाम ( http://covidcapacity.hp.gov.in/index.php) ने पोर्टल को लाइव कर दिया है।
दरअसल इस जनहित याचिका पर 12 मई को भी सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही पोर्टल को तैयार कर लिया गया है। यह अलग बात है कि 12 मई की सुनवाई अब 17 मई तक टल गई है। अब 17 मई को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी। पहले न्यायाधीश तरलोक चौहान व न्यायाधीश चंद्रभूषण बरोवलिया की खंड पीठ सुनवाई कर रही थी।
उल्लेखनीय है चंद रोज पहले बेंगलुरु में भी निजी अस्पताल एसोसिएशन ने बैड की रियल टाइम उपलब्धता को लेकर जानकारी देने के मकसद से एक पोर्टल लांच किया था।
बहरहाल, बुधवार शाम तक इस पोर्टल पर जयराम सरकार द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राज्य में ऑक्सीजन से लैस बैड की संख्या 2193 है, इसमें से 399 खाली हैं। आईसीयू बैड की संख्या 262 दर्शाई गई है। इसमें 57 बैड खाली होने की बात कही गई हैं। इसके अलावा स्टैंडर्ड बैड की संख्या 648 बताई गई है। साथ ही 525 बैड खाली हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सरकार द्वारा लांच की गई वैबसाइट को खंगाला तो पता चला कि घुमारवीं, चंबा, हमीरपुर, रोहड़ू इत्यादि में आईसीयू बैड खाली हैं, जबकि कांगड़ा, मंडी, सिरमौर व शिमला पूरी तरह से पैक है। ऐसे में अगर आईसीयू की आवश्यकता पड़ती है तो मरीज को चंबा ले जाना नामुमकिन है। बशर्ते कि एयर एंबुलेंस उपलब्ध हो। आंकड़ों से यह भी स्पष्ट हो रहा है और कि जिन जिलों में आईसीयू बैड कम पड़ने लगे हैं, वहां इनकी संख्या निश्चित तौर पर बढ़नी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 5 मई को प्रार्थी आशुतोष गुप्ता के जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान एमबीएम न्यूज नेटवर्क की वीडियो क्लिप भी चलाई गई थी। साथ ही अन्य खबरों की कतरनें भी सलंग्न हुई थी।
जनहित याचिका की पैरवी कर रही अधिवक्ता वंदना मिश्रा ने बताया कि 17 मई को अगली तिथि निर्धारित हुई है। उन्होंने कहा कि पब्लिक डोमेन में पूरी जानकारी आने से पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही ऑक्सीजन के लिए भटक रहे लोगों को भी एक क्लिक पर अस्पतालों की स्थिति की जानकारी हासिल हो सकती है।
उधर, हमेशा की तरह इस बार भी स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने फोन रिसीव नहीं किया। इसी बीच स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी को भी बार-बार संपर्क करने की कोशिश विफल रही।