नाहन, 12 मई : हिमाचल के आयुर्वेदा विभाग में करीब 36 साल तक सेवाएं देने वाले डाॅ. जगत सिंह तोमर बीती रात कोविड से जंग हार गए। चंडीगढ़ के निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। खास बात यह है कि 90 साल की उम्र पूरी करने के बावजूद भी डाॅ. तोमर स्वस्थ जीवन का संदेश देते रहे। केवल कोविड होने पर ही अस्पताल में दाखिल हुए।

परिवार की मानें तो वो अपने खानपान की बदौलत स्वस्थ रहने का मूलमंत्र जानते थे। हमेशा सौम्य स्वभाव व मुस्कुरा कर बर्ताव करने वाले डाॅ. तोमर को ट्रांसगिरि क्षेत्र से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक होने का भी दर्जा प्राप्त है। 36 साल की सेवाओ में धामला, शरगांव, माजरा, लाहौल-स्पीति जैसे रिमोट इलाकों में सेवारत रहे।
सिरमौर में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद भी चैन से नहीं बैठे, बल्कि खुद को समाजसेवा में समर्पित कर दिया। सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे। रोटरी क्लब के अलावा हितैषी सोसायटी के संस्थापक सदस्यों में से भी एक थे। हितैषी सोसायटी द्वारा निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविरों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे। उनकी पत्नी रत्ना तोमर भी एक बेहतरीन शिक्षिका रही हैं।
छोटा बेटा सोमेंद्र तोमर इस समय पंचकुला में सैटल है तो दूसरा बेटा रविंद्र तोमर हाल ही में को ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक पद से सेवानिवृत हुए हैं। दो बेटियां भी पंचकुला में ही सैटल हैं। शिक्षाविद व जाने-पहचाने समाजसेवी अमर सिंह चौहान ने कहा कि मृत्यु अवश्यंभामी है। दिवंगत तोमर जैसे लोग संसार त्यागने के बाद अपनी एक अमिट छाप छोड़ जाते हैं। डाॅ. तोमर के निधन से उन्हें व्यक्तिगत नुक्सान हुआ है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शाश्वत शांति के लिए प्रार्थना की है।
उधर, पारिवारिक जानकारी के मुताबिक डाॅ. तोमर की 5 मई को रिपोर्ट कोविड पाॅजिटिव आई थी। ऑक्सीजन लैवल कम होने पर उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।