हमीरपुर, 12 मई : जिला उपमंडल भोरंज का एक गांव ऐसा भी है जहां आज भी सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की योजना नहीं पहुंच पाई है। आलम यह की आजादी के बाद से लेकर आज तक यहां के लोग कुओं का दूषित और कीड़ों वाला पानी पीते हैं। वैसे भी आजकल जिले में इंद्र देवता खूब मेहरबान हैं। यहां पर अधिक बारिश हो रही है, जिस वजह से कुओं में कीड़े पड़ गए हैं। गांव में पेयजल का कोई अन्य साधन भी नहीं है।

लिहाजा ग्रामीण इसी कीड़े वाले दूषित पानी से अपनी प्यास बुझाने के लिए बाध्य हैं।ग्राम पंचायत बजड़ोह के ग्रामीणों का कहना है कि यह एक दलित बस्ती है। उनके भोरंज हलके के विधायक भी इसी वर्ग से सम्बन्धित हैं। ग्रामीण समस्या के हल के लिए कई बार अपना दुखड़ा उनके पास सुना चुके हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, एसडीओ और एक्सियन तक के पास समस्या के हल के लिए फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यूं की त्यूं बनी रहीं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सिर्फ चुनावों के समय में ही इस गांव के लोगों की याद आती है। अब समस्या यह की अभी कोई चुनाव भी नहीं है, जो यह नेता लोग इनकी फरियाद सुने और उस पर अमल करें। ग्रामीणों का कहना है की आंखों से देखकर भी उन्हें मजबूरी में कीड़ों वाला पानी पीना पड़ रहा है, जिससे यहां पर महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि या तो उनकी समस्य का हल किया जाए या फिर उन्हें और उनके बच्चों को जहर दे दिया जाए।