शिमला, 11 मई : माकपा ने नगर निगम शिमला के सैहब सोसायटी के गार्बेज कलेक्टर की कोरोना से मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार से मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग उठाई है।

माकपा जिला सचिव संजय चौहान ने मंगलवार को कहा कि नगर निगम के कर्मचारी कोरोना काल मे पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अन्य कोरोना से निपटने के लिए कार्य में लगे योद्धाओं की भांति निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे हैं। लॉकडाउन व कोरोना कर्फ्यू के दौरान जब अधिकांश शहर घरों में ही रहा है, उस समय नगर निगम के कर्मचारी अपनी सेवाएं विशेष में सफाई कर्मचारी शहर में सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए अपना कार्य नियमित व निष्ठापूर्वक करते आ रहे हैं। आज इस कार्य को करते शहर ने कोरोना से न केवल एक सैहब का कर्मचारी बल्कि एक कोरोना योद्धा को खो दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नगर निगम के सैहब सोसायटी के कर्मचारियों को भी कोविड के लिए तैनात किए गये अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया है और सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि यदि किसी फ्रंटलाइन वर्कर की मृत्यु होती हैं तो सरकार उसे मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए देगी।
उन्होंने मांग की है कि इस सैहब के गार्बेज कलेक्टर के परिवार को भी तुरंत 50 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाए तथा इसके परिवार के सदस्य को स्थाई रोजगार भी प्रदान किया जाए।