सुंदरनगर, 10 मई : कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अपने सख्त मिजाज के लिए जानी जाती है, लेकिन पुलिस की वर्दी के अंदर भी एक संवेदनशील दिल होता है। करसोग में पुलिस का ऐसा ही मानवीय चेहरा देखने को मिला, जहां डीएसपी गीतांजलि ठाकुर ने आधे घंटे में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे एक परिवार की फरियाद सुनी। इस दौरान न केवल पुलिस ने मजबूर परिवार को घर पहुंचाया, बल्कि जरूरतमंद परिवार के लिए राशन की भी व्यवस्था की। पुलिस के इस मानवीय चेहरे ने लोगों का दिल आकर्षित कर दिया है।
करसोग में टैक्सी चालक का कार्य करने वाला परसराम दो दिन पहले पत्नी को चैकअप के लिए शिमला ले गया था, जहां जांच के दौरान पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाई गई, लेकिन पत्नी की हालत एक दम ठीक थी, जिस पर डॉक्टरों ने परिवार को होम आइसोलेशन पर रहने की सलाह दी। जिसके बाद पत्नी और 2 साल के बेटे के साथ घर आ गया।
ये परिवार करसोग में एक किराए के मकान पर रहता है, ऐसे में परसराम ने मकान मालिक को पूरे मामले को लेकर अवगत करवाया, लेकिन मकान मालिक ने कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए परसराम को कहीं और ठहरने की सलाह दी। जिस पर परसराम कोरोना पॉजिटिव पत्नी और 2 वर्षीय बेटे के साथ दो दिनों से टैक्सी में ही समय काटने के लिए मजबूर था।
इस मुश्किल घड़ी में कोई भी व्यक्ति परसराम को और मदद का हाथ बढ़ाने को तैयार नहीं था। आखिर में कहीं से मोबाइल नंबर लेकर परसराम ने डीएसपी गीतांजलि ठाकुर से मदद की गुहार लगाई। जिस पर डीएसपी बिना देर किए पुलिस टीम के साथ परसराम की सहायता के लिए पहुंच गई। इस दौरान न केवल डीएसपी ने मकान मालिक से बात कर परसराम को क्वाटर पहुंचाया बल्कि परिवार के लिए राशन की भी पूरी व्यवस्था की। ऐसे में तेजतर्रार और कुशल अधिकारी की हर कोई सराहना कर रहा है।
डीएसपी गीतांजलि ठाकुर ने एमबीएम न्यूज़ से बातचीत में बताया कि परसराम का फोन आया। इनकी दिक्कत थी कि पत्नी कोरोना पॉजिटिव थी। इसलिए ये दो दिन से पत्नी और 2 साल के बच्चे के साथ गाड़ी में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि फ़ोन आने के बाद मकान मालिक से बात कर परसराम को घर पहुंचाया गया और जरूरत का हर सामान पुलिस घर तक पहुंचाएगी।