नाहन 09 मई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मानवता की मिसाल कायम की है। वैश्विक महामारी में एक बुजुर्ग पिता के लिए संघ मददगार बना। अनजान शहर में तीन साल की पोती को गोद में लिए बुजुर्ग की आंखें भरी हुई थी क्योंकि बेटे को खो देने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो शव का अंतिम संस्कार कैसे करेंगे। इसी बीच स्वयंसेवकों जानकारी मिलने पर बीड़ा उठाया। रविवार को संघ के स्वयंसेवकों का मानवता के प्रति सेवा भाव सामने आया है।

शहर के साईं अस्पताल में कोविड-19 से 43 वर्षीय व्यक्ति हिमांशु पाठक का निधन हो गया। मृतक का परिवार उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है। 73 साल के वृद्ध पिता चाहते थे कि शव का अंतिम संस्कार नाहन में ही किया जाये। इस दौरान बुजुर्ग के साथ पुत्रवधू के अलावा तीन साल की पोती थी। चंद रोज पहले स्वयंसेवकों ने इमरजेंसी में परिवार को इंजेक्शन उपलब्ध करवाया था इसके बाद से स्वयं सेवक उनके संपर्क में थे।
वृद्ध पिता ने उन्हें सम्पर्क कर कहा कि वे अपने बेटे का अन्तिम संस्कार यहीं करना चाहते हैं। संघ के स्वयंसेवकों ने इस दुखी पीड़ित परिवार का हिस्सा बनकर उनके बेटे के अंतिम संस्कार का जिम्मा निभाया।
बता दे कि दिल्ली में उपचार न मिलने पर बुजुर्ग पिता अपने बेटे को इलाज के लिए नाहन लेकर आये थे। स्वयंसेवकों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए समर्पित संगठन है। इसका परिचय संघ के स्वयंसेवकों द्वारा एक बार नहीं बल्कि बार-बार दिया गया है। भारत में आई किसी भी विपदा में संगठन अपने समाज के साथ हर समय खड़ा रहता है। उन्होंने बताया कि पहली बार संघ की हेल्पलाइन के माध्यम से परिवार से संपर्क हुआ था।