सराहां/तरुण खुराना : तहसील पच्छाद सराहां के व्यापारियों व दुकानदारों ने सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के प्रति असंतुष्टि जाहिर की है। एसडीएम के माध्यम से डीसी सिरमौर को ज्ञापन भेजा है।

ज्ञापन में व्यापारियों का कहना है कि हिमाचल सरकार ने जो लॉकडाउन लगाया है वो वास्तव में लॉकडाउन है ही नहीं।उन्होंने कहा कि बाज़ारों में रोज़ाना क़ोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं और सरकार ने अधिकतम दुकानों को खुला रखने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं, पूरा दिन दुकान खुली रखने की अनुमति है। जिस कारण बाजार में लोग अब भी सैकड़ों की संख्या में आ रहे हैं, जिससे आने वाले समय में भी कोरोना के केस की संख्या घटने की बजाए, बढने की उम्मीद है।
व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने कपड़ा, टेलर, आभूषण, फोटोग्राफर, आदि कुछ ही दुकानों को बंद रखा है, जबकि अन्य अधिकतर दुकानें खुली हैं। ऐसे में कोरोना की रफ़्तार रोकना
मुश्किल है यदि यह फैलता है तो आगे भी दुकानें बंद रखने के अनुमान लगाए जा सकते हैं।
भविष्य में अगर ऐसा होता है तो जो दुकानें अभी बंद हैं, उन पर आने वाले समय में घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। स्थानीय व्यापारी, युगल सप्रा, सोनू शर्मा, बंटी, योगेश रतरा, परमिंदर सिंह, अगम गोयल,
केप्पी सिंह का कहना है की सरकार ने जो लॉकडाउन लगाया है, उसका कोई ख़ास असर नहीं पड़ रहा है। इनका कहना है की ज़रूरी वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद होनी चाहिए और जरूरी सामान की दुकानें भी
निर्धारित समय के लिए खुलनी चाहिए, ताकि जल्द से जल्द ही कोरोना की चेन टूट सके और इसे फैलने से रोका जा सके।
व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि जो दुकानें खुली हैं उन दुकानदारों के साथ-साथ उनकी दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों की भी क़ोरोना जांच कराई जाए, जिससे ख़रीददारों में कोरोना न फैले।
उधर एसडीएम सराहां शशांक गुप्ता ने बताया की सराहां के व्यापारियों ने ज्ञापन दिया है। उन्होंने ज्ञापन डीसी साहब के समक्ष रखा है, उनका कहना है कि यदि सराहां व्यापार मंडल प्रस्ताव पारित कर प्रशासन के
समक्ष रखता है तो प्रस्ताव के मुताबिक़ प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। दुकानों का समय निर्धारण व दुकानों को बंद रख सकता है।