नाहन, 6 मई : हिमाचल के सिरमौर जनपद मुख्यालय में वैेश्विक महामारी के दौरान मानवता की सेवा में सरदार राम सिंह एक अनोखी मिसाल है। बाॅटम से टाॅप तक शायद ही कोई ऐसा अधिकारी होगा, जो राम सिंह को न जानता हो।

बहरहाल, लगातार 13 महीने से रोजाना 16 से 18 घंटे मानवता की सेवा करने वाले राम सिंह की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। इससे पहले भी कई बार राम सिंह के टैस्ट किए गए, लेकिन हमेशा ही रिपोर्ट नेगेटिव आती रही। निश्चित तौर पर आपके जहन में एक सवाल उठेगा कि आखिर अनोखी मिसाल क्यों।
अप्रैल 2020 से 5 मई 2021….
समाजसेवी राम सिंह की मानवता की सेवा को लेकर एक पुस्तक तक लिखी जा सकती है। यहां शब्द कम पड़ जाएंगे, लेकिन पुण्य कार्यों की फेहरिस्त खत्म नहीं होगी। सोचिए, कोई शख्स लगातार 13 महीने से 24 घंटे की डयूटी उन हालातों में कर रहा हो, जब मरने वाले के अपने ही पराए हो चुके हों। करीब-करीब 50 कोविड मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार करवा कर राम सिंह ने वो पुण्य कमा लिया है, जो करोड़ों के दान से भी नहीं मिल सकता।
महामारी में जब संपूर्ण लाॅकडाउन में हर किसी का जीवन ठहर चुका था तो ऐसी परिस्थितियों में चंद घंटों में एक मासूम को गुरुग्राम पहुंचाकर नया जीवन दिलवा दिया। यही नहीं, वैश्विक महामारी के दौरान अन्य शवों को भी गंतव्य तक पहुंचाया। आंकड़ों की फेहरिस्त लंबी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश व बिहार में भी शवों को पहुंचाने वाला राम सिंह ही है।
दो तोले सोने की ठुकराई पेशकश…
करीब दो सप्ताह पहले आम्बवाला की रहने वाली एक महिला की कोविड संक्रमण से मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले परिवार चाहता था कि मृतक की सोने की अंगूठी व झुमके उस समाजसेवी को दे दिए जाएं, जो कोविड में अपनी जान की परवाह किए बगैर मानवता की सेवा कर रहा है, मगर समाजसेवी ने इस पेशकश को विनम्रता से ठुकरा दिया।
एमबीएम को मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी कई बार समाजसेवी को लोग दान देने की इच्छा जाहिर करते रहे हैं, लेकिन वो इंकार कर रैडक्राॅस सोसायटी को दान देने की वकालत करता है। मृतक महिला के पारिवारिक सदस्य ने एमबीएम न्यूज को बताया था कि अंतिम संस्कार के दौरान करीब दो तोला सोना राम सिंह को देने की पेशकश की गई थी, लेकिन उसने नहीं लिया।
बेशक ही राम सिंह के मानवता की सेवा को लेकर सैंकड़ों उदाहरण हैं, मगर इसमें से एक काफी खास है। हाल ही में राम सिंह के भाई की सगाई की रस्म थी। इस सिलसिले में वो मोगीनंद में मौजूद था, लेकिन तड़के ही उसे शव छोड़ने की काॅल आ गई। तुरंत ही घर का कार्यक्रम छोड़कर सेवा में तत्पर हो गया।
जब अपने ठुकराते हैं तो बनता है मसीहा
वैश्विक महामारी में अक्सर ही ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जब अपने ही बेगाने हो जाते हैं। ऐसे में बगैर संकोच के अनजान शवों के लिए रामसिंह मसीहा बन जाता है। बातचीत के दौरान समाजसेवी राम सिंह ने कहा कि कई मौके ऐसे भी आए जब उन्हें तीसरी मंजिल से शव को नीचे उतारना पड़ा। घर में मौजूद अपनों ने तो शव को छूने तक से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि ईश्वर की कृपा से वह अपने इरादों से नहीं हटने वाले और भविष्य में भी वह अपना कार्य करते रहेंगे।
घर पर बैठकर भी चैन नहीं…
यकीन मानिए, होम आइसोलेशन के बावजूद भी समाजसेवी राम सिंह चैन से नहीं बैठा है। पहले ये सुनिश्चित किया कि रैडक्राॅस सोसायटी के वाहन को उसका भाई चलाएगा, ताकि शवों को गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। फील्ड से राम सिंह को ही काॅल आ रही हैं, इसके बाद वो अपने भाई के साथ समन्वय कर शवों को आज गंतव्य तक पहुंचाने में लगा रहा।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में राम सिंह ने बताया कि वो जल्द से जल्द ठीक होकर वापस डयूटी पर लौटना चाहता है। राम सिंह ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनको हर मदद प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित प्रशासनिक अधिकारी भी पूरा दिन फोन पर कुशलक्षेम पूछते रहे।
कैसे हुआ संक्रमित…
मंगलवार को दो शवों को गंतव्य तक पहुंचाना था। साथ ही तीन कोविड मरीजों को भी कुरुक्षेत्र पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी। इसी रात बुखार आ गया। साथ ही सिर में हल्की दर्द महसूस हुई। इसे भी नजर अंदाज कर राम सिंह ने बुधवार को दोपहर तक डयूटी दी। वैक्सीन लगवाने पहुंचा तो उसे हल्के लक्षण में टैस्ट करवाने की सलाह दी गई। इसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई। समाजसेवा के प्रति जुनूनी राम सिंह को बार-बार इसी बात का मलाल है कि उसे होम आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है, अन्यथा उसे लोगों के दुख में शामिल होकर उनका हौंसला बढ़ाना था।
जिसे पता चला वो…
राम सिंह की रिपोर्ट पाॅजिटिव आए करीब 24 घंटे हुए हैं। फिलहाल सिरमौर के काफी कम लोगों को उसके पाॅजिटिव आने की जानकारी है। लेकिन जिसे भी पता चला है वो राम सिंह को इम्दाद पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में अग्रवाल मोटर्स के अजय कांत अग्रवाल खुद ही राम सिंह को किराए के कमरे में फ्रूटस देने पहुंच गए। इसके अलावा बिल्डर प्रमोद बंसल ने कहा कि राम सिंह को किसी भी चीज की कमी नहीं आने दी जाएगी। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक ने कहा कि कुछ माह पहले राम सिंह की एलआईसी की पाॅलिसी शुरू की गई है। वैश्विक महामारी के दौर में वो ही इस पाॅलिसी के प्रीमियम का खर्च वहन कर रहे हैं।
सरकार दे ध्यान…
संभव है कि सरदार राम सिंह हिमाचल के ऐसे कोविड वाॅरियर्स में शामिल होगा, जो चुनिंदा होंगे। लिहाजा, राज्य सरकार को ऐसे वाॅरियर्स की आर्थिक सुरक्षा को लेकर भी उचित कदम उठाने चाहिए। बता दें कि वो जिला रैडक्राॅस सोसायटी में चालक के पद पर कार्यरत हैं, यहां साढ़े 9 हजार के आसपास पगार मिलती है।