नाहन, 06 मई : कोविड प्रोटोकॉल में एक नया सवाल पैदा हुआ है। दरअसल हुआ यूं कि 27 अप्रैल को लोक निर्माण विभाग के एक एसडीओ स्तर की कोविड-19 पॉजिटिव आ गई। इसके बाद वह होम क्वारंटाइन रहे। इसी बीच 10 दिन बाद अधिकारी द्वारा दोबारा टैस्ट करवा लिया गया। इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद वह रूटीन ड्यूटी पर लौट आए।

अब सवाल उठता है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल में जहां एक तरफ 14 दिन होम क्वारंटाइन का पीरियड रखा गया है, वही दोबारा टेस्ट नहीं करवाया जाता। यानी स्पष्ट शब्दों में समझें तो स्वास्थ्य विभाग 14 दिन का होम क्वारंटाइन पूरा करने वाले पॉजिटिव मरीज को रिकवर मान लिया जाता है।
दिलचस्प बात यह है कि वीरवार को मेडिकल कॉलेज में केंद्र द्वारा स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट को लेकर पूर्व स्पीकर डॉक्टर राजीव बिंदल ने निरीक्षण किया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन के अलावा 27 अप्रैल को संक्रमित पाए गए एसडीओ साहब भी मौजूद थे। अब यह फैसला विभाग को ही करना है कि 10 दिन बाद दोबारा ही अपने स्तर पर करवाई गई जांच सही थी या नहीं। हालांकि ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी ठेकेदार को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जानी थी। लिहाजा निरीक्षण हो रहा था।
उधर एमबीएम न्यूज ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता वीके अग्रवाल से सीधा सवाल पूछा तो उनका जवाब था कि एसडीओ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन कोई भी लक्षण मौजूद नहीं थे। इसी कारण 10 दिन बाद दोबारा जांच करवाई गई, इसमें रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। इसके बाद वो ड्यूटी पर लौट आए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोई लक्षण नहीं था।
उन्होंने माना कि वीरवार को पूर्व स्पीकर के डॉ. राजीव बिंदल के निरीक्षण के दौरान कई अधिकारी मौजूद थे, इसमें 27 अप्रैल को पॉजिटिव पाए गए एसडीओ भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि बार-बार इस बात के सवाल उठाया जा रहा है कि कोविड संक्रमित लोग बेपरवाह होकर शहर में घूम रहे हैं, उनके परिवार के लोग भी क्वॉरेंटाइन की बजाए कई बार दुकानों से सामान खरीदते नजर आते हैं।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सीधे संबंधित एसडीओ को भी संपर्क किया। इस पर उनका कहना था कि वह लगातार 10 दिन तक पूरी तरह से होम आइसोलेशन में रहे। इसी बीच उन्हें अस्पताल से बताया गया कि अगर लक्षण नहीं है तो दोबारा जांच करवा लें। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्होंने दोबारा ड्यूटी ज्वाइन की है। उधर सीएमओ डॉ के के पराशर ने फ़ोन रिसिव नहीं किया।