मंडी, 05 मई : भारत सरकार के डीआरडीओ द्वारा जोनल हॉस्पिटल में जिला का सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट दस दिनों के भीतर स्थापित करके उसे शुरू कर दिया जाएगा। इस संदर्भ में आज डीसी ऋग्वेद ठाकुर के निर्देशों पर एनएचएआई और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जोनल हॉस्पिटल का दौरा किया और प्लांट के लिए जगह चिन्हित की। एनएचएआई 10 दिनों के भीतर ऑक्सीजन प्लांट के लिए ढांचा तैयार करके देगी जिसमें बिजली की सुविधा भी होगी जबकि उसके बाद डीआरडीओ इसमें ऑक्सीजन प्लांट की सारी मशीनरी स्थापित करके इसे सुचारू रूप से चलाकर जोनल हॉस्पिटल प्रबंधन के हवाले कर देगा।
सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि यह प्लांट एक हजार लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और इससे अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन के निर्देशों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवीन मिश्रा और जोनल हास्पिटल के एमएस डॉ. डीएस वर्मा के साथ उन्होंने खुद संयुक्त दौरा करके जगह का चयन कर लिया है।
बता दें कि जिला के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में 500 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाला प्लांट पीएम केयर्स की तरफ से हाल ही में स्थापित किया गया है। जबकि अब जोनल हॉस्पिटल में एक हजार लीटर वाला प्लांट लगने वाला है। यह सरकारी क्षेत्र का जिला का सबसे बड़ा प्लांट होगा। सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के डीआरडीओ की तरफ से प्रदेश के लिए 6 ऑक्सीजन प्लांट मंजूर किए गए हैं जिनमें से एक जोनल हॉस्पिटल में लगने जा रहा है।
बता दें कि अभी तक 90 बिस्तरों वाले जोनल हॉस्पिटल मंडी में सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है जबकि 100 बिस्तरों वाला एमसीएच भी बहुत जल्द सुचारु होने वाला है। जिसके बाद अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंचने वाली है। कोरोना के मौजूदा समय और भविष्य में यह प्लांट काफी ज्यादा मददगार साबित होने वाला है।