शिमला, 03 मई : हिमाचल में कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते सोमवार को शिमला सहित कई जिलों में परिवहन सेवाएं प्रभावित रहीं। निजी बस ऑपरेटर वर्किंग कैपिटल और टोकन टैक्स इत्यादि माफ करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर ऑपरेटरों में रोष है और वे अनिश्चितकाल हड़ताल पर चले गए। इनकी हड़ताल से निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राजधानी शिमला के ओल्ड बस स्टैंड पर लोकल रूट पर चलने वाली निजी बसें नहीं मिली तो मजबूरन सरकारी बसों का इंतज़ार करना पड़ा। लोगों को एक एक घण्टे तक इंतज़ार करना पड़ा। लक्कड़ बाजार बस स्टैंड से ऊपरी शिमला के लिए निजी बसें न चलने से बस स्टैंड खाली ही दिखाई दिया, वहीं सरकारी बसें भी आधी सवारियों के साथ अपने गंतव्य तक जा रही हैं।
निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि हमने कई बार प्रदेश सरकार को अपनी मांगों को लेकर अवगत करवाया लेकिन सरकार हमारी मांग मानने को तैयार नही। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमने भारी मन से यह फैसला लिया है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानीं जाएंगी, हम अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगे वैसे भी कोरोना काल में मिनी बस ऑप्रेटरों की हालत काफी खस्ता हो गई है।
इस बीच हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से राज्य पथ परिवहन निगम ने विभिन्न डिपुओं में अतिरिक्त बसें चलाने का प्रबंध किया, जिससे यात्रियों को काफी हद तक राहत मिली।
परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निजी बस ऑपरेटर की हड़ताल के चलते लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सभी डिपुओं को अतिरिक्त बसों का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए शिमला के सभी रूटों पर पर्याप्त मात्रा में बसें लगाई गई हैं लेकिन कोरोना वायरस के चलते बहुत कम लोग ही अपने घर से बाहर निकलकर सफर कर रहे हैं, जिसके चलते बसें खाली ही दौड़ रही हैं।…