संगड़ाह, 03 मई : जिला सिरमौर के नौहराधार, हरिपुरधार आदि क्षेत्रों में दोपहर बाद हुई भारी ओलावृष्टि व बारिश ने किसानों की फसलों पर भारी कहर बरपाया है। भारी ओलावृष्टि के कारण किसानों व बागवानों को लाखों का नुकसान हुआ है।

सुबह की शुरुआत चटक धूप के साथ हुई मगर दोपहर बाद अचानक मौसम के करवट बदलने के बाद दिन में अंधेरा पसर गया। तेज बारिश व ओलावृष्टि से लोगों को डरा दिया। गिरिपार क्षेत्र के कई इलाकों में इन दिनों, लहसुन, गेंहू, जौ व सरसो की फसलें खेतो में पक कर तैयार है।
हालांकि कुछ इलाकों में किसानों ने फसलों को काट दिया है लेकिन कई इलाकों में पकी हुई फसले खेतों में तैयार पड़ी है। किसान इन फसलों को काटने की तैयारियां कर ही रहे थे। वहीं कई किसान नगदी साल भर की मुख्य फसल लहसुन की खुदाई में लगे है, जिसे सोमवार को किसानों को समेटने का भी समय नहीं मिला।
ओलावृष्टि ने किसानों का सारा खेल ही बिगाड़ कर रख दिया है। जौ, गेहूं की अनाजी फसले भारी ओलावृष्टि के कारण मिट्टी में बिछ गई हैं। फसल की फली पूरी तरह से नष्ट हो गई है। खेतो में फसल के डंडे ही खड़े रहे गए है। उधर भारी ओलावृष्टि ने बागवानों पर भी भारी कहर बरपाया है। इन दिनों सेब, आड़ू, पलम व नाशपाती आदि पौधों पर अच्छी फ्लावरिंग आई हुई थी।
ओलावृष्टि के कारण कई बगीचों में करीब 60 से 70 फीसदी फ्लावरिंग झड़ गई है। ज्यादा नुकसान उन छोटे बागवानों को झेलना पड़ा है, जिनके बगीचों में पौधों के ऊपर जालिया नही बिछाई गई है।
हालांकि बड़े बागवानों को कम नुकसान हुआ है। अधिकतर बड़े किसानों ने पहले ही अपने बगीचो पर जालियां बिछा रखी है। ओलावृष्टि से जालिया भी फट गई है। क्षेत्र के किसान पिछले तीन महीनों से बारिश का इंतजार कर रहे थे। जब जरूरत थी तब बारिश नहीं हुई। लहसुन की फसल के लिए बारिश व बर्फबारी की सख्त आवश्यकता होती है। जब किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश का इंतजार कर थे। उस समय तो बारिश हुई नही, अब जबकि लहसुन की फसल करीब तैयार हो चुकी है, बारिश होने से फायदा होने की वजह से फसल को उल्टा नुकसान होने का खतरा पैदा हो गया है।