सोलन, 2 मई : कोविड की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के शवों को बदलने की खबरें दूसरे राज्य से आ रही थी, लेकिन अब हिमाचल में भी ऐसे कारनामे शुरू हो गए हैं। एमएमयू अस्पताल में उपचाराधीन एक बुजुर्ग को मृत बता दिया गया। हद उस समय हो गई, जब परिजनों को दाह संस्कार के लिए शव तक सौंप दिया गया।

पहले ये खबर आई थी कि कोटला मशीवर के रहने वाले 80 वर्षीय बुुजुर्ग केवल राम की जगह किसी अन्य का शव दिया गया है। मगर जैसे-जैसे एमबीएम न्यूज ने पड़ताल की तो हैरतअंगेज ये खुलासा हुआ कि असल में केवल राम का निधन हुआ ही नहीं है। वो उपचाराधीन ही हैं। एमएमयू में तीन व्यक्तियों की मौत हुई। इसमें से दो शव सिरमौर भी भेजे गए। अब प्रशासन को तीसरे शव की पहचान को लेकर कोई दिक्कत नहीं हो रही।
चंबाघाट में अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले जब परिजनों को कुछ संदेह हुआ तो देखने पर पाया कि किसी अन्य व्यक्ति का शव किट में पैक कर उन्हें दे दिया गया है। इसके बाद मौके पर बवाल मच गया। बताया यह भी जा रहा है कि एसडीएम भी मौके पर पहुंच गएं। शुरूआती जानकारी के मुताबिक एमएमयू अस्पताल में तीन संक्रमितों की मौत हुई। इसमें से दो का दाह संस्कार हो चुका है।
गौरतलब है कि एमएमयू में शवों की दुर्गति की जानकारी एमबीएम न्यूज नेटवर्क को पहले भी मिली थी। उधर, इसी बीच मामले की गंभीरता को भांपते हुए प्रशासन ने इस बात की भी जांच कर ली है कि दो शवों का दाह संस्कार सही हुआ है। बता दें कि बुजुर्ग केवल राम के परिजनों को ये तक भी नहीं पता था कि किस व्यक्ति के शव को उन्हें सौंपा गया था।
बहरहाल सवाल इस बात पर उठता है कि क्या कोविड से मरने वालों के शवों को ले जाने के लिए कोई व्यवस्था है या नहीं। मृतकों के साथ दुर्गति हो रही है। गृह मंत्रालय का एक तय प्रोटोकाॅल है। आशंका जाहिर की जा रही है कि अक्सर ही इसका उल्लंघन होता है। उदाहरण के तौर पर अगर अस्पताल में किसी कोविड मरीज की मौत होती है तो शव का स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में ही दाह संस्कार किया जाता है।
उधर, बुजुर्ग के पोते ने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के कारण परिवार की भावनाओं को आघात पहुंचा है। उधर एमबीएम न्यूज से बातचीत में उपायुक्त केसी चमन ने कहा कि तुरंत ही शव को वापस ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ही मामला संज्ञान में आया है। सीएमओ ने कहा कि एमएमयू में तीन का निधन हुआ था, जबकि एक की मौत बद्दी के काठा में हुई। दो शव सिरमौर भेजे गए थे।
उधर, एमएमयू अस्पताल के डाॅ. मनप्रीत ने कहा कि मरीजों की हालत क्रिटिकल है। यहां भी काफी दबाव चल रहा है। उन्होंने माना कि बुजुर्ग केवल राम का उपचार जारी है। नाम की समानता की वजह से गलती हुई है।
परिवार ने कहा…
बुजुर्ग के पोते ने कहा कि शव को उनके दादा के ही कपड़े पहनाए गए थे। उनकी एक अंगुली में सोने की अंगूठी थी, जबकि कान में भी सोने की बाली पहनते थे। लेकिन जो शव पहुंचा, उन्होंने चांदी की अंगूठी पहन रखी थी।