नाहन, 2 मई : महज एक सप्ताह के भीतर ऐतिहासिक शहर की चार अनमोल शख्सियतों ने संसार को त्याग दिया। वजह कोरोना की जंग में हार थी। ये तमाम शख्सियतें समाज में अपना एक अनुकरणीय योगदान बरकरार रखे हुए थी। ये दुखद खबरें 25 अप्रैल से 1 मई के बीच ही सामने आई। शायद ही शहर ने ऐसी दुखद खबरों को क्रमवार तरीके से पहले कभी सुना हो। तमाम शख्सियतों की एक अलग पहचान थी। यही कारण है कि शोक की लहर जारी है। एक परिवार पर तो विपदाओं की हद ही हो गई। महज 48 घंटे के भीतर दो दामादों को कोरोना की वजह से खो दिया।

पूर्व अध्यक्षा रेखा तोमर…
सिलसिला नगर परिषद की पूर्व अध्यक्षा व समाजसेवी रेखा तोमर के निधन से शुरू हुआ। एक कामयाब शिक्षिका रहने के बाद सामाजिक कार्यों के रास्ते राजनीति में आई थी। 25 अप्रैल 2021 को करीब 11 बजे शहर को खबर मिली कि बेहद ही मिलनसार व राह में मिलने वाले हरेक व्यक्ति पर स्नेह न्यौछावर करने वाली रेखा तोमर ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। वो चंद रोज पहले ही एक निजी अस्पताल में आंखों का टैस्ट करवाने गई थी। कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर उन्हें दाखिल कर लिया था। वेंटिलेटर की स्पोर्ट भी मिल गई थी, लेकिन तीन दिन के भीतर ही वो अपनी यादों को छोड़कर दुनिया से रूखसत हो गई।
शिक्षाविद आरके दुग्गल…
शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले शिक्षाविद आरके दुग्गल के निधन की सूचना 28 अप्रैल की सुबह आई। हर कोई उनके निधन पर स्तब्ध रह गया, क्योंकि वो बिलकुल ठीक ठाक थे। अचानक ही पॉजिटिव आने के बाद शिक्षाविद आरके दुग्गल को सराहां कोविड सेंटर शिफ्ट कर दिया गया था। सेवानिवृत होने के बाद शहर के एक निजी स्कूल को नई ऊंचाइयों की तरफ अग्रसर किया। इसके बाद पांवटा साहिब में भी अपना एक स्कूल चला रहे थे। शहरवासियों को इस बात को मलाल रह गया कि कोविड के प्रोटोकॉल की वजह से वो श्रद्धासुमन भी अर्पित नहीं कर पाए।
गौसेवक शाइक अली….
करीब 10 दिन तक कोविड के साथ जबरदस्त जंग लड़ी। लेकिन 30 अप्रैल की सुबह शाइक अली ने अंतिम सांस ली। अचानक ही 50 साल के बेटे के निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पशुपालन विभाग में करीब 20 साल पहले फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्त होने के बाद उनका गौवंश के प्रति एक गहरा रिश्ता बन गया। अप्रैल माह में कोविड की दूसरी लहर शुरू हो चुकी थी, लेकिन जब भी कोई बेजुबान के उपचार के लिए शाइक को बुलाता था तो वह बगैर समय नष्ट किए गांव-गांव पहुंचने में संकोच नहीं करते थे।
क्रिकेट कोच मोहम्मद ताहिर…
एक मई 2021 का दिन सिरमौर के क्रिकेट जगत को भी एक गहरा सदमा दे गया। करीब 30 साल से क्रिकेट की कोचिंग में सक्रिय मोहम्मद ताहिर एक मई की रात कोविड की जंग हार गए। समूचे क्रिकेट जगत में शोक की लहर बरकरार है। रिश्ते में शाइक के साढू मोहम्मद ताहिर के भी कोविड की जंग हार जाने से परिवार के दुख में कई गुणा इजाफा हो गया।
बेहद ही शालीन व फुर्तीले कोच के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मोहम्मद ताहिर ने अपने जीवन में कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की। लंबे अरसे से सिरमौर क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के पद पर मोहम्मद ताहिर के अचानक ही कम उम्र में संसार से चले जाने पर शहर को अपूर्णीय क्षति पहुुंची है।
समाजसेवी श्याम सैनी…
28 अप्रैल का दिन शहर पर काफी भारी रहा। सुबह शिक्षाविद आरके दुग्गल की खबर आई तो दोपहर होते-होते एक दुखद खबर आ गई कि शहर के पोस्ट ऑफिस के सामने एक सड़क हादसे में युवा समाजसेवी श्याम सैनी का निधन हो गया है। स्कूटी की अज्ञात वाहन से टक्कर की बात सामने आई। वो लंबे अरसे से कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए थे। अचानक ही उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया था।