ऊना, 30 अप्रैल : हिमाचल एक देवभूमि है और यहां की जनता वास्तव में देवताओं पर पूर्ण विश्वास भी करती है। अधिकतर माता पिता अपने बच्चों का नाम भी भगवान के नाम से मिला जुला ही रखते है। लेकिन एक होता है, जो अपने नाम के बराबर काम भी करता है। आपको बता दे कि उपमण्डल बंगाणा की सब तहसील जोल के अंतर्गत चौकी मनियार में एक कृष्ण गोपाल ने मात्र दो माह में जनता के दिलों में ऐसा घर कर लिया है कि उनके नाम ओर काम के चर्चे हर जगह हो रहे हैं।

बताते चले कि बंगाणा उपमंडल के तहत चौकी मन्यार गांव के कृष्ण गोपाल ने अकेले अपने दम पर गौशाला स्थापित कर बेसहारा गौवंश को आश्रय प्रदान किया है। तीन गऊओं से शुरुआत हुई गौशाला में आज 70 के करीब गौवंश को आश्रय मिला है। कृष्ण गोपाल ने 6 मार्च 2021 को अपने जन्मदिन के दिन गौशाला की स्थापना की थी। तीन गऊओं से ही गौशाला का संचालन शुरू किया गया था। आज एक माह में गऊओं की संख्या बढ़कर 70 पहुंच गई है।
स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि भी अपनी पंचायतों से बेसहारा गौवंश गौशाला में छोड़ कर जा रहे हैं और हर संभव सहायता भी कर रहे हैं। जब कृष्ण गोपाल बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं एक चालक था। कुछ माह पूर्व जिला ऊना के अंब में मेरा एक्सीडेंट एक बेसहारा गौ माता के साथ हुआ। जब मैंने घायल गौ माता को देखा। बस मन मे ठान ली और 6 मार्च 2021 को 3 बेसहारा गौवंश से शुरुआत की। हालांकि शुरू में काफी परेशानी भी हुई। कुछ लोगों ने शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी कर दी। लेकिन जब प्रशासन ने मौके पर आकर देखा तो उन्हें तसल्ली हुई।
गौशाला के संचालक कृष्ण गोपाल की माने तो स्थानीय जनता का कोई सहयोग भी नहीं है। हालांकि स्थानीय लोगों ने आश्वासन भी दिया था कि बेसहारा गौवंश को संरक्षण देने पर संचालक कृष्ण गोपाल को भारी भरकम डोनेशन दी जाएगी। दो माह में संचालक कृष्ण गोपाल ने 70 बेसहारा गोवंश को संरक्षण तो दे दिया, लेकिन स्थानीय जनता की डोनेशन 8 से 9 हजार यानी न के बराबर आई है। बाहर की जनता गौशाला चौकी मनियार में तुड़ी ओर अन्य सामग्री दान कर रही है, ताकि गौशाला में रहने बाला गौवंश भूखा न रहे।
संचालक ने कहा कि गऊ माता को आश्रय प्रदान करना ही उनका मकसद है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें गौशाला में पानी का बोर व गऊओं के लिए शैड की सहायता प्रदान करें तो वे भविष्य में और गऊओं को भी आश्रय प्रदान करेंगे।