नाहन, 30 अप्रैल : सिरमौर खासकर नाहन क्षेत्र में गौवंश का सेवक शाइक अली (50) आखिर में कोविड से जंग हार गया। पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर करीब 20 साल से तैनात शाइक अपनी डयूटी के दौरान ही कोविड संक्रमित हुआ था। समीपवर्ती गांव में एक गाय के उपचार के बाद माता बाला सुंदरी गौशाला में आग बुझाने में अहम भूमिका निभाई थी। आग का धुआं ही संभवतः फेफड़ों में पहुंचा था।

गौशाला में आग को काबू करने के चंद रोज बाद शाइक को पता चला कि वो जिस परिवार में गाय के उपचार के लिए गया था, वो समूचा परिवार ही कोरोना संक्रमित है। टैस्ट करवाने पर पत्नी व मां के साथ रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई। ऑक्सीजन के लगातार गिरते स्तर के कारण निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर भी रखा गया।
पशुपालन विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने भी अपने निष्ठावान कर्मी को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की, जबकि दोस्तों अजय कांत अग्रवाल, मुकुल ठाकुर व नलिन शर्मा इत्यादि ने प्लाज्मा का भी इंतजाम कर दिया था, लेकिन कुदरत को कुछ ओर ही मंजूर था। एक-दो बार वेंटिलेटर हटा भी, इससे जाहिर था कि शाइक एक फाइटर की तरह जीवन की जंग लड़ रहा है। सैनवाला में तैनात रहे शाइक के स्वास्थ्य लाभ के लिए समूचे इलाके में दुआएं मांगी जा रही थी।
उधर, एमबीएम न्यूज से फोन पर बातचीत के दौरान पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डाॅ. नीरू शबनम की बताते-बताते आंखें भी नम हो गई। उन्होंने बताया कि करीब 20 साल से शाइक ने अपनी हरेक जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ सप्ताह पहले गौशाला के नजदीक जंगल की आग भड़क गई थी। मौके से सबकुछ नियंत्रित करने के बाद वो ही देर रात घर लौटने वाला आखिरी कर्मी था।
डाॅ. शबनम ने बताया कि अचानक ही शाइक के इस तरह चले जाने से वो व्यक्तिगत भी आहत है, क्योंकि इस तरह के कर्मी बेहद ही दुर्लभ मिलते हैं। हंसमुख व मिलनसार स्वभाव के दिवंगत शाइक हमेशा ही अपनी डयूटी के साथ-साथ अतिरिक्त कार्य करने के लिए भी हर वक्त तैयार रहा करते थे। शुक्रवार देर शाम एक गौवंश सेवक सुपुर्द-ए-खाक हो जाएगा।