सोलन, 28 अप्रैल : हिमाचल में वैश्विक महामारी के दौरान बेहद ही दिल को झिंझोड़ देने वाली तस्वीर सामने आई है। इन तस्वीरो ने ये भी सवाल उठाया है कि क्या वास्तव में सरकार फेल हो गई है।
बद्दी इलाके के काठा अस्पताल से 54 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। इसके बाद जो हुआ वो बेहद ही शर्मनाक है। शव नगर पालिका बद्दी की कूड़ा उठाने वाली ट्राली में शमशान घाट तक पहुंचाया गया। शायद, देवभूमि में कोरोना संक्रमित के साथ मौत के बाद इस तरह के बर्ताव की तस्वीरें पहली बार सामने आई होंगी।

बता दे कि सोलन में शव को शमशान घाट तक ले जाने के लिए पांच वाहनों की व्यवस्था की गई है। सोचिए उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी जिसने पहले परिवार के एक सदस्य को खो दिया फिर पार्थिव देह के साथ इस तरह का सलूक किया गया।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रणवीर का कहना है कि वाहन उपलब्ध करवाना प्रशासन का काम है, उनकी जिम्मेवारी जो थी उसे बखूबी निभाया गया। अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाली सामग्री मुहैया करवाई गई।
कर्मचारियों को भी पूरी किट मुहैया करवाई गई थी। इसकी जानकारी तहसीलदार बद्दी को भेज दी गई थी व वाहन न मिलने पर ट्राली को साफ करके भेजा गया। घटना की जानकारी मिलने पर नालागढ़ के एसडीएम महेंद्र पाल गुज्जर ने नप बद्दी के ईओ व बीएमओ से जवाब मांगा है।
मृतक व्यक्ति बीएसएनएल विभाग में दिल्ली में तैनात था, उसने बीएसएनएल से वीआरएस ले रखी थी। व्यक्ति के निधन के बाद नप को बॉडी हेंड ओवर की गई, लेकिन नप ने शव को कूड़ा उठाने वाले ट्राली में डाल कर शीतलपुर शमशान घाट तक पहुंचाया।

परिजनों का कहना है कि अगर उनके साथ ऐसा हुआ है तो एक गरीब व्यक्ति के साथ प्रशासन किस तरह का व्यवहार कर रहा होगा। दून के पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने इस मामले की निंदा की है तथा इसकी जांच कराने की मांग की है व तत्काल प्रभाव से ईओ बद्दी को सस्पेंड करने की मांग की है।
उधर, एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि इस मामले में ईओ बद्दी व बीएमओ से जवाब मांगा जाएगा। उधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने घटना की जानकारी बारे जानकारी न होने की बात कही है।