शिमला, 27 अप्रैल : कोविड के क्रिटिकल रोगियों के लिए रेमेडिसिवर की डोज प्राण रक्षक बन रही है। हिमाचल भी इसके उत्पादन में अपनी भूमिका निभा रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने हिमाचल में रेमडिसिवर व ऑक्सीजन के उत्पादन को लेकर आंकड़े जुटाने का प्रयास किया। हालांकि, ड्रग महकमे ने अपने स्तर पर उत्पादन की मात्रा को बताने से इंकार किया है, लेकिन एमबीएम न्यूज ने अपने स्तर पर जुटाए गए आंकड़ों में पाया कि विभाग के साथ-साथ फार्मा उद्योग भी दिन-रात उत्पादन में लगा हुआ हैै।

औद्योगिक क्षेत्र पांवटा में नितिन लाइफ साईंसिज द्वारा सिपला व हिटरो के लिए रेमडिसिवर का उत्पादन किया जा रहा है। खंगालने पर पता चला कि चार से पांच दिन में रेमडिसिवर के 15 हजार इंजेक्शन तैयार किए जा सकते हैं। एक बैच पूरी तरह से फार्मूलेशन व सर्कुलेशन की विधि से तैयार होता है। इसके उपरांत ही इस्तेमाल हो सकता है। नितिन लाइफ साईंसिज द्वारा 100 फीसदी क्षमता का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उधर, बद्दी में दो से तीन हजार डोज प्रतिदिन का उत्पादन जुबिलिएंट फार्मा द्वारा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फिलहाल बद्दी में पांवटा साहिब की तुलना में कम उत्पादन हो रहा है। औसतन ये माना जा सकता है कि चार से पांच हजार रेमडिसिवर उत्पादित किए जा रहे हैं। इस पर सरकार की पूरी निगरानी है। समय-समय पर ई-मेल के जरिए केंद्र व राज्य सरकार को उत्पादन की जानकारी दी जा रही है। सौ फीसदी उत्पादन पर सरकार का ही नियंत्रण है। जानकारों का ये भी कहना है कि उद्योगों द्वारा देशहित में पूरी मेहनत से उत्पादन किया जा रहा है।
एक मई से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद…
राज्य के दवा महकमे ने रेड्डी फार्मा को पांवटा साहिब व बद्दी में उत्पादन के लिए चंद रोज पहले ही लोन लाइसेंस जारी किया है। रेड्डी के भी प्रोडक्शन में आने के बाद क्षमता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद हैै। बता दें कि राज्य के साथ-साथ सैंट्रल ड्रग्ज स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का भी नियंत्रण रहता है।
ये है ऑक्सीजन का स्टेटस…
सिरमौर व सोलन में ऑक्सीजन का भी उत्पादन हो रहा है। अगर लिक्विड ऑक्सीजन को छोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन 3800 सिलेंडर भरने की क्षमता है। एक सिलेंडर में 7 क्यूबिक ऑक्सीजन होती हैै। जल्द ही कालाअंब की मां बाला सुंदरी गैसिज प्राईवेट लिमिटेड को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन का भी लाइसेंस जारी किया जा सकता है। फिलहाल इस उद्योग द्वारा इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा था। पांवटा साहिब व बद्दी के एक-एक उद्योग द्वारा भी ऑक्सीजन की प्रोडक्शन की जा रही है।
ये बोले ड्रग कंट्रोलर…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने कहा कि रेमडिसिवर का क्षमता के मुताबिक उत्पादन हो रहा है। उत्पादन की मात्रा को लेकर प्रोडक्शन कर रहे उद्योगों से ही जानकारी मिल सकती है। अलबत्ता, इतना जरूर कहा कि डाॅ. रेड्डी को लोन लाइसेंस जारी किया गया है। जल्द ही प्रदेश में रेमडिसिवर की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हो जाएगी।