शिमला, 24 अप्रैल : राजधानी शिमला से सटे कोटि वन्य क्षेत्र में 416 पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़े मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने 16 वन अधिकारियों से 34.68 लाख रुपये की वसूली करने के लिए उनकी जिम्मेवारी तय करने के आदेश जारी किए हैं।
मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करने के पश्चात यह आदेश पारित किए।हाईकोर्ट ने कहा कि जो अधिकारी 100 साल की उम्र के पेड़ों के इस नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दंडित करना होगा। पेड़ों की इस तरह की अवैध कटाई की भरपाई किसी भी तरीके से नहीं की जा सकती है।

इन अधिकारियों में दो वन अरण्यपाल, दो मंडल वन अधिकारी, तीन सहायक वन अरण्यपाल, दो रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, छह ब्लॉक ऑफिसर और एक फॉरेस्ट गार्ड शामिल है। यह सभी कर्मी भलावाग बीट, कोटि फॉरेस्ट ब्लॉक, कोटि फॉरेस्ट रेंज, शिमला फॉरेस्ट डिवीजन और शिमला फॉरेस्ट सर्कल में तैनात वर्ष 2015 से 2018 तैनात थे। इसी दौरान कोटि रेंज में 416 पेड़ों का अवैध कटान हुआ था। कोर्ट ने इन अधिकारियों को 27.05.2021 को अदालत में उपस्थित होने का अवसर देते हुए कहा कि ये कर्मी उपरोक्त वसूली और उनके सेवा रिकॉर्ड में उल्लिखित चूक की प्रविष्टि करने से पहले अपनी बात अदालत के समक्ष रख सकते हैं।
इस मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि अनिवार्य फील्ड निर्देशों के अनुसार विभिन्न वन अधिकारियों का यह अनिवार्य कर्तव्य है कि वे अपने अधीन आने वाले क्षेत्र का निरीक्षण करे और पेड़ों की किसी भी कटाई का पता लगाए। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग ने उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय केवल उन अधिकारियों/अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है जो रैंक में सबसे कम हैं और केवल छोटे वन कर्मियों को ही निशाना बनाया गया है। मामले पर अगली सुनवाई 27 मई को होगी।पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने वन कटान केस में नाराजगी जताते हुए वन सचिव, पीसीसीएफ को तलब किया था।
गौर हो कि हाईकोर्ट ने 17 मई 2018 को उन सभी वन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जो वन रेंज कोटी, यूपीएफ शालोट में 416 पेड़ों की अवैध कटान के लिए जिम्मेदार थे। ऐसे सभी वन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी आदेश जारी किए थे, जो उस क्षेत्र में पिछले 3-4 वर्षों में 416 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार थे।