नाहन, 25 अप्रैल : सिरमौर के स्वास्थ्य विभाग में हर कोई सराहां के खंड स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. संदीप शर्मा के समर्पित सेवाभाव से वाकिफ है। अस्पताल को मई 2020 में डेडिकेटिड कोविड हैल्थ सैंटर घोषित कर दिया गया। कोविड की पहली लहर में डाॅ. संदीप शर्मा ने अपनी टीम की बदौलत दिन-रात मरीजों की इम्दाद की। अब दूसरी लहर में भी एक असल कोरोना वाॅरियर के रूप में उभर रहे हैं।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने डाॅ. संदीप शर्मा से एक सवाल पूछा कि आप कितने घंटे की शिफ्ट करते हैं तो तपाक से बोले, अस्पताल में ही आवास है।
लिहाजा, 24 घंटे की डयूटी को तैयार रहता हूं। वीक एंड पर अगर स्थिति सामान्य हो तो सोलन अपने परिवार को मिल आता हूं। उल्लेखनीय है कि कोविड की पहली लहर में बीएमओ संदीप शर्मा से जुड़ी एक खबर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने प्रकाशित की थी।
अब ये जानने की कोशिश की कि कोरोना की दूसरी लहर में एकमात्र डेडिकेटिड हैल्थ केयर सैंटर की स्थिति क्या है तो पता चला कि शनिवार सुबह तक 28 कोरोना संक्रमित दाखिल थे। इसमें से दो को छुट्टी दे दी गई। 5 मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया है। कोविड सैंटर ही नहीं, बल्कि डाॅ. संदीप शर्मा पर सामान्य अस्पताल की भी जिम्मेदारी है। शनिवार की शाम तक अस्पताल में भी दाखिल मरीजों का आंकड़ा 24 था।
एक सवाल के जवाब में डाॅ. संदीप शर्मा ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में एक डाॅक्टर, एक स्टाॅफ नर्स व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा सफाई कर्मी होता है। रोटेशन के आधार पर फील्ड से चिकित्सक की तैनाती की जाती है। वो भी एक आवाज पर कोविड केयर सैंटर या अस्पताल पहुंच जाते हैं।
अहम बात यह है कि एक साल बाद भी नाहन के मेडिकल काॅलेज में सुविधाएं नहीं जुट पाई हैं, लिहाजा मरीजों को सराहां या फिर आईजीएमसी रैफर किया जाता है। अगर बात की जाए तो इस समय सिरमौर में नाहन के एक निजी अस्पताल के अलावा सराहां में ही कोरोना मरीजों को इलाज मिल रहा है।
बातचीत में डाॅ. संदीप शर्मा ने ये भी कहा कि वो करीब-करीब तीन साल से सराहां में तैनात है। इसमें से एक साल की अवधि मौजूदा महामारी के दौरान की है।
दीगर है कि डाॅ. संदीप शर्मा के चेहरे पर थकान या फिर कोई शिकन नहीं होती। कोविड का डेडिकेटिड हैल्थ सैंटर है तो वो भी मामूली से संसाधनों में अपने कर्त्तव्य के प्रति डेडिकेटिड हैं।