नाहन, 24 अप्रैल : समूचे देश में कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है। ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसी बीच हिमाचल के कालाअंब के एक उद्योगपति का पुनीत कार्य चर्चा में है। ऑक्सीजन के संकट में चाहते तो मोटी कमाई कर सकते थे। लेकिन कमाई की बजाय परोपकार का रास्ता अपनाया है।

हर रोज दिल्ली, नोएडा व एनसीआर से आने वाले करीब डेढ़ दर्जन लोगों को निशुल्क ही ऑक्सीजन रि फीलिंग की सुविधा दे रहे हैं। ऑक्सीजन के 7 से 10 क्यूबिक सिलेंडर की प्रोडक्शन काॅस्ट 500 रुपए तक होती है, मगर बाजार में संकट के कारण कालाबाजारी हो रही है। स्थानीय स्तर पर करीब 16-17 लोगों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रि फीलिंग की आवश्यकता पड़ी है। मगर देश की राजधानी से प्रतिदिन डेढ़ दर्जन लोग ऑक्सीजन लेने आ रहे हैं।
2007 में बने मां बाला सुंदरी गैसिज प्लांट को हरियाणा के शहजादपुर के रहने वाले पुष्पेंद्र मित्तल ने 2016 में खरीदा था। मात्र चार-पांच साल में ही ऐसा वक्त आ गया, जब पूरे देश में महामारी की वजह से ऑक्सीजन को लेकर हडकंप मचा हुआ है। ऐसे समय में 47 साल के पुष्पेंद्र मित्तल ने मानवता की एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो इस महामारी को अवसर में बदल कर मोटी कमाई करना चाहते हैं।
बता दें कि सिरमौर में कालाअंब के अलावा पांवटा साहिब में भी एक ऑक्सीजन प्लांट है। इसके अलावा रेमडिसिवर इंजेक्शन की प्रोडक्शन भी सिरमौर में ही हो रही है। कुल मिलाकर वैश्विक महामारी की असल परीक्षा में ऐसे उद्यमी ही देश के असल वाॅरियर्स हैं, जो कमाई का अवसर होते हुए भी इंसानियत व मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।
2000 क्यूबिक की क्षमता, मत घबराएं….
उद्योगपति पुष्पेंद्र मित्तल का कहना है कि प्लांट में रोजाना दो हजार क्यूबिक ऑक्सीजन की क्षमता है। वो कोविड रोगियों को पिछले 10 दिन से निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं। इतनी क्षमता है कि प्रतिदिन 2000 कोविड मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवा सकते हैं। उनका कहना था कि सिलेंडर लाने पर इसे निशुल्क रि फिल किया जा रहा है।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में पुष्पेंद्र मित्तल ने ये भी कहा कि उन लोगों को सिलेंडर भी दान कर देने चाहिए, जिन्हें जरूरत नहीं रह गई। कहीं ऐसा न हो कि ऑक्सीजन तो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो, लेकिन सिलेंडर की कमी पड़ जाए। आपदा की इस घड़ी में मेडिकल ऑक्सीजन को निशुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने बताया कि राज्य में 6-7 उद्योगों में ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता हैै। मेडिकल में एक से अढ़ाई क्यूबिक सिलेंडर की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि वो उस समय बेबस हो गए, जब बनारस से एक महिला ने उन्हें फोन कर ऑक्सीजन की मांग की। संभव होता तो उपलब्ध करवा देता। खैर, पुष्पेंद्र मित्तल ने लोगों से ये भी अपील की है कि ऑक्सीजन की कमी को लेकर पैनिक न करें।
ये बोले उद्योग विभाग के महाप्रबंधक….
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक जीएस चौहान ने कहा कि कालाअंब के उद्यमी द्वारा जरूरतमंद कोरोना संक्रमितों को निशल्क मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करवाना बेहद ही प्रशंसनीय है। महामारी कों मिलजुल कर ही हराया जा सकता है। उद्यमी पुष्पेंद्र मित्तल ने पुनीत कार्य किया है, जिसकी दरकार आज हिमाचल को नहीं, बल्कि समूचे देश को है।