केलांग से सुनील ठाकुर
हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में रालिंग व खगसर के नजदीक शुक्रवार दोपहर चंद्रा नदी के बहाव को गलेशियर ने रोक दिया है। इस जगह से करीब 14 किलोमीटर आगे तांदी में चंद्रा व भागा नदी के संगम के बाद ये नदी चनाब के नाम से पहचानी जाती है। हालांकि नदी के बहाव के रूकने से किसी नुकसान की आशंका नहीं है।

मौके से मिल रही जानकारी के अनुसार अगर बहाव सामान्य नहीं हुआ तो समीपवर्ती खेतों को नुकसान हो सकता है। साथ ही एक झील का रूप भी बन सकता है। बता दें कि बीते 24 घंटों से घाटी में लगातार बर्फबारी का दौर भी जारी है। तापमान के माईनस में लुढ़क जाने से आम जनजीवन पर भी गहरा असर पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि भागा नदी का उदगम स्थल बारालाचा दर्रे के वैस्ट में है। सूर्यताल झील इसका उदगम स्थल है। वहीं, चंद्रा नदी का उदगम स्थल भी बारालाचा दर्रे के ईस्ट की चंद्रताल झील से हुआ है। दर्रा ही इन दोनों नदियों का उदगम स्थल है। तांदी तक चंद्रा नदी की दूरी 115 किलोमीटर के करीब है, जबकि भागा नदी की दूरी 60 किलोमीटर के करीब है। कश्मीर में चनाब नदी पर विद्युत परियोजनाएं भी बनी हुई हैं। समूचे प्रदेश में इस बार समर में सर्दियों का अहसास हो रहा है।
घाटी की बड़ी आबादी सर्दियों में मनाली की तरफ रुख कर लेती हैै। इस बार गर्मियां शुरू होने के बाद घरों को लौटना भी शुरू हो चुके थे। मगर इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भी भारी बर्फबारी हो सकती है। दीगर है कि किन्नौर जिला में भी बर्फबारी के कारण अधिकांश सड़कें बंद पड़ी हुई हैं।
फिलहाल इस खबर को लेकर प्रशासनिक प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं है। मिलने की स्थिति में प्रकाशित की जाएगी।