नौहराधार, 23 अप्रैल : जिला की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार में जहां अप्रैल माह में करीब 8 इंच बर्फबारी हुई है। वहीं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले 16 घंटे से बारिश व ओलावृष्टि से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चूड़धार की चोटियां बर्फबारी से लकदक हो गई हैं। वहीं प्रशासन ने लोगों से इस और जाने से मनाही की है। कई पर्यटक पिछले कई दिनों से चूड़धार जा रहे हैं।

बर्फबारी व लगातार हो रही बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। पहली बार अप्रैल महीने में लोगों को दिसंबर माह जैसा एहसास हो रहा है। समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गया है, जिससे एक बार लोगों ने गर्म कपड़े व अलाव का सहारा लिया। भारी बारिश व तेज तूफ़ान से साथ में जोरदार आसमानी बिजली गरजने से नौहराधार, हरिपुरधार संगडाह की दर्जनों पंचायतों में पिछले 14 घंटे से बिजली गुल रही, जिससे लोगों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी।
खबर लिखे जाने तक नौहराधार आदि क्षेत्रों में बारिश व ओलावृष्टि का दौर जारी था। पिछले लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे किसान बागबानों के लिए बारिश ने तो दस्तक दी, मगर साथ में ओलावृष्टि से किसान बागबान की कमर तोड़ कर रख दी। जिला सिरमौर के ऊंचाई वाले क्षेत्र नौहराधार देर शाम को तेज तूफ़ान व ओलावृष्टि से किसानों व बागबानों को लाखो का नुकसान हुआ है।
गुरूवार देर शाम को पहले तेज तूफ़ान चला व बाद में ओलावृष्टि हुई, जिसके कारण किसानों के खेतों में मटर, टमाटर व फलदार पौधो को काफी नुकसान हुआ है। नौहराधार के अलावा चोकर, टारना तलांगना, आदि क्षेत्रो में ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है। ज्यादा बारिश होने के चलते तैयार लहसुन खराब होने की कगार पर पहुंच गया है। मौसम के कड़े मिजाज देखकर किसान व बागबान चिंता में पड़ गए है। किसानों ने अपने खेतों में लगाए गए मटर, टमाटर की फसल तथा बागबानों की सेब, आडू 90 फीसदी झड़ गए बची आडू सेब के फूल झड़ गए हैं।
ओलावृष्टि से कई स्थानों पर अन्य नगदी फसलें खेतो में पूरी तरह से बिछ गई हैं, जिस कारण से किसानों की आर्थिकी पर विपरीत असर पड़ने की आशंका बन गई है। हालांकि कई बड़े बागबानो ने ओलावृष्टि से फसल को बचाने के लिए अपने बागीचो में जालियां लगाई गई हैं, जो कि ज्यादा ओले पड़ने से फट गई। मगर छोटे बागबान जिनके बागीचो में जालियां नहीं लगी हैं, ओलावृष्टि से उनके बागीचो में भारी नुकसान की सूचना है। यहां तक कि बागीचों में लगी जालियों को भी नुकसान पहुंचा है।
आजकल फलदार पौधों में छोटे फल लगने शुरू हो गए हैं। ऐसे में ओलों की मार और तापमान की गिरावट सेब में होने वाली सेटिंग को प्रभावित हो गई। मौसम विभाग की माने तो आगामी चार दिनों तक मौसम खराब बना रहेगा। निश्चित तौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इस वर्ष सेब के उत्पादन में भारी कमी देखी जाएंगी। पहले ही इस वर्ष कई फसलें सूखे की भेंट चढ़ गई है। शेष कसर ओलावृष्टि ने पूरी कर ली दी है।