शिमला,22 अप्रैल : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नए हेलीकॉप्टर पर मचे घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने आज स्पष्ट किया कि इस हेलीकॉप्टर की टेंडर प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। आम जनता और जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के हितों को देखते हुए हेलीकॉप्टर को लीज पर लिया गया है तथा विपक्ष इस मुद्दे पर बिना कुछ जाने समझे सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है।

होटल पीटर हॉफ में आज आयोजित कैबिनेट मीटिंग की प्रेस ब्रीफिंग में कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि रशिया की स्काई वन कंपनी का 24 सीटर नया हेलीकॉप्टर जून के पहले हफ्ते में हिमाचल में अपनी सेवाएं देगा। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को ये हेलीकॉप्टर रशिया से दिल्ली लेंड कर चुका है तथा 5 जून से इसका संचालन शुरू हो जाएगा। इसका प्रति घंटे का किराया 5.10 लाख रुपये है।
मंत्री ने बताया कि इससे पहले पवन हंस कम्पनी मुख्यमंत्री को हेलीकॉप्टर उपलब्ध करवाती थी, जिसका दिसम्बर 2020 में करार खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि पवन हंस के हेलीकॉप्टर का भी प्रति घंटा किराया 5.10 लाख रुपये था।
सुरेश भारद्वाज ने बताया कि पवन हंस का हेलीकॉप्टर 2013 मॉडल का था और कांग्रेस शासन में उसका हर पुर्जा बदल गया था। ऐसे में MI 172 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए राज्य सरकार ने 17 सितंबर 2019 को मैसर्ज स्काई वन ऐरावज़ लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया था। कहा कि पूर्व प्रदेश में सरकार कोई भी हो, सरकारी कार्यों हेतु मुख्यमंत्री द्वारा हैलिकाॅप्टर का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा नहीं है कि जयराम ठाकुर पहले मुख्यमंत्री हैं, जो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारद्वाज ने कहा कि बड़े हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल केवल मुख्यमंत्री द्वारा ही नहीं किया जाता अपितु प्रदेश के दुर्गम एवं जनजातीय क्षेत्रों में आपात स्थिति में भी बड़े हेलीकॉप्टर की आवश्यकता होती है ताकि यहां के लोगों को आपदा के समय राहत प्रदान की जा सके। कोविड-19 के समय जनसेवा के लिए किया जा रहा है, जबकि कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दिल्ली में पेशियों एवं निजी कार्यों के लिए करते थे।