शिमला, 21 अप्रैल : सूबे में मौसम अब कहर बरपाने लगा है। बीते दो दिन से राज्य में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बुधवार को भी मौसम के कड़े मिजाज देखने को मिले।
राजधानी शिमला में जहां अंधड़ के साथ बादल बरसे, वहीं ओले भी गिरे हैं। अप्पर शिमला के सेब उत्पादक क्षेत्रों में नारकंडा और इसके आसपास के इलाकों में दिन में जमकर ओलावृष्टि हुई है। भारी ओलावृष्टि से बगीचों में सेब के पत्ते व फूल टूटकर जमीन पर बिछ गए हैं। बारिश के साथ हुई भारी ओलावृष्टि से सेब के बगीचे प्रभावित हुए हैं। बगीचे में सेब के पौधों पर खिले फूल नष्ट हो गए।
भयंकर ओलावृष्टि से सेब बागवानों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ सकता है। सेब के जिन पौधों के ऊपर नेट लगाया हुआ था, वहां पौधे कम प्रभावित हुए हैं।
उधर, राज्य के मैदानी इलाकों में बेमौसमी बारिश से सूखे से निजात तो मिली है, लेकिन किसानों को गेहूं की फसल के नुकसान का डर भी सता रहा है। मैदानी भागों में गेहूं की फसल पकने को तैयार है। ऐसे समय में बारिश से गेहूं की फसल के बर्बाद होने का अंदेशा है। कोरोना संकट के बीच मौसम के इस मिजाज ने किसानों-बागवानों को मुश्किल में डाल दिया है।
बीते 24 घण्टों के दौरान मनाली में 43, कोठी में 42, सियोबाग में 40, बलद्वारा में 35, भुंतर में 29, रिकांगपिओ में 28, कोटखाई में 27, नैना देवी में 26, गोहर में 24, बंजार व बजुआरा में 223, भरमौर व टिंडर में 22, झंडूता में 20, शिलारू और सुंदरनगर में 19 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस दौरान केलंग में 12 औऱ कल्पा में 11 सेंटीमीटर बर्फ़बारी भी हुई।
मौसम विभाग के अनुसार खराब मौसम का दौर 24 अप्रैल तक जारी रहेगा। राज्य के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के तहत आने वाले 4 जिलों में 22 अप्रैल को अंधड़ के साथ भारी ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले दो-तीन दिन राज्य के अनेक क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मैदानी भागों में 24 अप्रैल और अन्य क्षेत्रों में 25 अप्रैल से मौसम साफ हो जाएगा।