मंडी,20 अप्रैल : एक बार फिर से लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। कॉलेज प्रबंधन ने आपात बैठक का आयोजन कर अस्पताल को अनिश्चितकाल के लिए सामान्य रोगियों के लिए बंद करते हुए सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए खुला रखने का निर्णय ले लिया। हालांकि यह निर्णय सरकार के आदेशों पर ही लिया गया है। क्योंकि प्रदेश में जिस तरह से रोजाना कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है, उसके चलते अस्पतालों की अधिक जरूरत महसूस हो रही है।

कॉलेज में करीब 179 रोगी उपचाराधीन थे जिनमें से अधिकतर को उपचार के लिए दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है, कुछ को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है। बुधवार से यहां सामान्य ओपीडी पूरी तरह से बंद रहेगी। मेडिकल कॉलेज नेरचौक में अब पहले की तरह सात जिलों मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर व बिलासपुर के कोरोना संक्रमितों का उपचार होगा।
सरकार ने गत वर्ष लॉकडाउन के बाद 23 मार्च को नेरचौक मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का दर्जा दिया था। इस साल 22 फरवरी को अस्पताल में दोबारा सामान्य ओपीडी शुरू हुई थी। करीब दो महीनों से यहां रोजाना 1000 के करीब मरीज विभिन्न ओपीडी में उपचार के लिए पहुंच रहे थे। सर्जरी शुरू होने से कई मरीजों को राहत की सांस मिली थी। ओपीडी पूरी तरह बंद होने से आम मरीजों को अब उपचार के लिए दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आरसी ठाकुर ने बताया कि सभी एचओडी को निर्देश दे दिए गए हैं कि जो भी बीमार व्यक्ति अस्पताल में एडमिट हैं, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाए या उनके बीमारी से संबंधित क्षेत्रों में रेफर कर दिया जाए। बता दें कि नेरचौक मेडिकल में कोविड रोगियों के लिए 500 बेड की व्यवस्था है। यहां 118 बिस्तरों में ऑक्सीजन की सुविधा है। वहीं प्रीफैब्रिकेटेड कोविड अस्पताल का काम पच्चीस अप्रैल तक पूरा होने के निर्देश सरकार ने संबंधित निर्माण एजेंसी को दिए हैं। यह 108 बैडिड अस्पताल होगा।