संगड़ाह, 21 अप्रैल : प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में शामिल उपमंडल संगड़ाह के कईं प्रगतिशील किसान अब पारंपरिक तकनीक की जगह मशीनों से खेती शुरू कर चुके हैं। क्षेत्र में इन दिनों कई किसान ब्रश कटर से गेहूं व रबी की अन्य फसलों की कटाई कर रहे हैं। गांव सीऊं के किसान राजेश शर्मा ने बताया कि एक ब्रश कटर करीब 5 लोगों अथवा मजदूरों जितनी फसल काट रहा है। उन्होंने 12 हजार में यह यंत्र खरीदा है।

हालांकि 5 हजार में भी सस्ते ब्रश कटर मिल जाते हैं। अब क्षेत्र के छोटे व सीढ़ीनुमा खेत जोतने के लिए जहां बैलों की जगह पावर वीडर व पावर टिलर का इस्तेमाल होने लगा है, वहीं घास काटने के लिए भी ब्रश कटर का इस्तेमाल कई किसान शुरू कर चुके हैं।
संगड़ाह के साथ लगते गांव डुंगी के प्रगतिशील किसान तपेंद्र शर्मा व पंकज तथा काठियोग के अशोक ने इस बार रबी की फसल की बिजाई बैलों की जगह पावर वीडर से की। कटाई के लिए ब्रश कटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। उक्त कृषि उपकरण खरीदने के लिए कृषि व बागवानी विभाग से राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत अनुदान भी दिया जाता है। सिंचाई के लिए भी किसान स्प्रिंकलर का इस्तेमाल कर पानी का सदुपयोग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, क्षेत्र में 80 के दशक तक जहां केवल गेहूं व मक्की आदि खाद्यान्न फसलें ही बड़े पैमाने पर उगाई जाती थी। वहीं अब टमाटर, मटर, अदरक लहसुन व गोभी आदि नकदी फसलों तथा बेमौसमी सब्जियां किसानों की कमाई का मुख्य जरिया है। नकदी फसलों से किसानों का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ, जिसके चलते क्षेत्र के कईं युवा आज डॉक्टर, इंजीनियर व प्रशासनिक अधिकारी भी बन चुके हैं। क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में क्योंकि खेत छोटे होने के चलते ट्रैक्टर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, इसलिए लोग पावर टिलर व पावर वीडर जैसी मशीनों अथवा कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर खेती को आसान बना रहे हैं।