हमीरपुर, 18 अप्रैल : होम क्वारंटीन में रखे गए कोविड रोगियों के उचित उपचार को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित टीम स्थापित कर प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए, कि लोगों को स्वेच्छा से कोविड टीकाकरण के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करने के अलावा उनके स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी की जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज हमीरपुर के बचत भवन में जिले में कोविड-19 और सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा, के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस अवसर पर जिले में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन में प्रगति की समीक्षा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से छात्रावास के छात्रों, कर्मचारियों, सार्वजनिक परिवहन में लगे व्यक्तियों, बाजारों, कैटरर्स, रसोइयों आदि के कोविड परीक्षण में तेजी लाने के प्रयास किए जाने चाहिए। स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों को दिन में दो बार नियमित रूप से सम्पर्क करना चाहिए और चिकित्सकों को भी नियमित रूप से कोविड मरीजों से बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुकानों, कार्यालयों, होटलों और आम जनता को कवर करने के लिए तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए नो मास्क-नो सर्विस विषय पर बड़े पैमाने पर सूचना शिक्षा और प्रचार अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में धार्मिक स्थलों और तीर्थों पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड मापदण्डों के बारे में जागरूक करने के लिए निरंतर अपील और जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा विकसित हिम रेड क्राॅस मोबाइल ऐप का भी शुभारम्भ किया। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि राज्य सरकार महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। तीन टीएस टैस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (नजर रखना) और ट्रीटमेंट (उपचार) पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस वायरस से बचने के लिए यही एकमात्र मूल मंत्र है।
उपायुक्त हमीरपुर देब श्वेता बनिक ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि जिले में कोविड-19 के अब तक 709 सक्रिय मामले हैं और 57 मौतें दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जिले में 620 लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है और 1,05,243 लोगों की कोविड जांच की गई है। जिले में कुल सक्रिय मामलों में से 145 मामले जिले के टौणी देवी खण्ड में हैं।